बिहारः छेड़खानी के बाद युवती को जलाकर मारने का आरोप, अभियुक्त फ़रार
- सीटू तिवारी
- पटना से, बीबीसी हिंदी के लिए
15 नवंबर की शाम को बिहार की दो महिलाओं के घर लोग जुटने शुरू हो गए थे. लोगों के साथ साथ स्थानीय मीडिया का आना-जाना भी इन दो घरों में लगातार लगा रहा. लेकिन इन दो औरतों के घर इस जमावड़े की वजह अलग थी. एक के घर जश्न था तो दूसरे के घर मातम.
पहली महिला हैं, रेणु देवी जो बिहार की पहली महिला उपमुख्यमंत्री बनी हैं.
वहीं उनके बेतिया स्थित पैतृक घर से तक़रीबन 190 किलोमीटर दूर वैशाली की अरमिदा (नाम बदला हुआ) का 'जला हुआ' मृत शव उसके आंगन में पड़ा है. ये 'जला हुआ शव' राज्य में बढ़ती महिला हिंसा के बढ़ते मामलों की एक और तस्वीर है.
जली हुई अरमिदा ने ज़िंदगी जीने के लिए 17 दिन लड़ाई की, लेकिन 15 नवंबर को बिहार के सबसे बड़े अस्पताल पटना मेडिकल कॉलेज ऐंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) में उन्होंने दम तोड़ दिया.
कौन है अरमिदा?
20 साल की अरमिदा को 30 अक्तूबर को जला दिया गया था. उस शाम क़रीब 5 बजे अरमिदा घर का कूड़ा फेंकने बाहर गई थीं.
रात 10 बजकर 15 मिनट पर दर्ज हुए पीड़िता के फ़र्द बयान के मुताबिक अरमिदा को गांव के ही सतीश राय, विजय राय, चंदन कुमार ने पकड़कर 'ग़लत हरकत' करनी शुरू कर दी. जिसका अरमिदा ने विरोध किया और ये धमकाया भी कि वो घर वापस जाने पर अपनी मां से ये बताएगी.
बयान के अनुसार अरमिदा के ऐसा कहने पर सतीश राय ने किरासन तेल निकालकर अरमिदा के शरीर पर छिड़क दिया और आग लगा दी. जिसके बाद अरमिदा की चीखें सुनकर गांव वाले इकट्ठा हो गए.
अरमिदा की छोटी बहन बताती हैं, "गांव वालों के आने पर ये तीनों लोग भाग गए. गांव वालों ने आग बुझाने की कोशिश की. उस वक्त घर में सिर्फ हम भाई बहन थे."
अरमिदा के पिता की मृत्यु 2017 में हो गयी थी. पांच बहन और चार भाई वाले इस परिवार का खर्च अरमिदा की मां शैमुना खातून और भाई इस्तकार अहमद की मज़दूरी पर चलता है.
इस्तकार अहमद पटना में रहकर कपड़े बेचने का काम करते हैं. वहीं शैमुना खातून रोज़ाना वैशाली से पटना सिटी आती हैं और सिलाई का काम करती हैं.
प्रेम प्रस्ताव के इंकार पर जलाया
अरमिदा के भाई इस्तकार अहमद ने बीबीसी को बताया, "तक़रीबन सवा महीने पहले अरमिदा का रिश्ता तय हो गया था. उसकी शादी जनवरी में होनी थी. शादी तय होने के बाद से ही सतीश राय उसे परेशान करता रहता था और ये दबाव बनाता था कि अरमिदा उससे शादी करें. जिससे वो लगातार इनकार करती रहती थीं. जिस पर वो जान से मारने की धमकी भी देता रहता था."
इस्तकार के मुताबिक 30 अक्तूबर को जब ये घटना हुई तो मां शैमुना खातून जो उस वक्त पटना में थी, उन्होंने फ़ोन पर हुई बातचीत में स्थानीय थाना जाकर शिकायत करने को कहा. लेकिन इस बीच सतीश राय के ही एक रिश्तेदार ने परिवार को इस बात के लिए मनाने की कोशिश की कि अगर वो पुलिस में मामले की शिकायत नहीं करेंगे तो वो अरमिदा का इलाज करा देंगे.
गांववालों के दबाव के बीच परिवार ने इस बात को मानने से इनकार कर दिया और एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज के लिए उसे भर्ती कराया जिसके बाद 30 अक्तूबर की रात 10 बजे के आस पास अरमिदा का बयान दर्ज हुआ.
इलाज के लिए फ़ेसबुक पर अभियान
इस बीच अरमिदा के कई वीडियो वायरल हुए जिसमें वो साफ़ तौर पर कह रही हैं कि उन्हें सतीश और चंदन कुमार ने किरासन तेल डालकर जला दिया है.
अरमिदा के इलाज के लिए फ़ेसबुक पर आर्थिक मदद की अपील भी की गई. किरण यादव नाम की एक महिला ने अपनी फ़ेसबुक आईडी से आर्थिक मदद की अपील भी की थी.
अरमिदा के बड़े भाई इस्तेकार अहमद के मुताबिक, "किरण यादव ने इलाज के नाम पर बारह लाख रुपये से ज़्यादा इकट्ठा किए, फिर उन्होंने 7 नवंबर को मेरी बहन को पटना के पीएमसीएच में लाकर इलाज के लिए एडमिट करा दिया. जिसके बाद 15 नवंबर की सुबह उसकी मौत हो गई."
बीबीसी ने किरण यादव से भी संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उनका मोबाइल बंद था. वहीं उनकी फ़ेसबुक आईडी पर कई ऐसे वीडियो हैं जिसमें से कुछ में वे लोगों से आर्थिक मदद की अपील कर रही हैं, तो कुछ में ये कह रही हैं कि अरमिदा ठीक हो गई हैं.
15 नवंबर को अरमिदा की मौत के बाद उनके घरवालों ने शव रखकर पटना के कारगिल चौक पर प्रदर्शन किया.
सामाजिक कार्यकर्ता ज़ीशान महबूब बताते हैं, "सुबह अरमिदा की अम्मी का फ़ोन आया था. उन्होंने बताया कि मौत के बाद कोई प्रक्रिया नहीं हो रही है, जिसके बाद हम लोग जुटे और दोपहर दो बजे तक सारी प्रक्रियाएं पूरी कर दी. इसके बाद परिवार वालों और सामाजिक संगठनों के लोगों ने प्रदर्शन किया कि आरोपियों को पकड़ा जाए."
पुलिस पर सवाल
इस मामले में अब तक तीन अभियुक्तों में से किसी की भी गिरफ़्तारी नहीं हुई है.
वैशाली की डीएम उदिता सिंह से जब बीबीसी ने बात की तो उन्होंने वैशाली एसपी से बात करने को कहा.
वहीं वैशाली के एसपी मनीष ने कहा कि उन्होंने अपना बयान स्थानीय मीडिया को दे दिया है.
अगर स्थानीय मीडिया को दिए बयान की बात करें तो वैशाली एसपी मनीष के मुताबिक, "दो तारीख़ को इस मामले में केस दर्ज किया गया था. स्पेशल टीम बनाकर और तकनीकी अनुसंधान के जरिए दबिश जारी है. बहुत जल्दी ही गिरफ़्तारी होगी."
हालांकि सबसे बड़ा सवाल यही है कि 30 अक्तूबर को अरमिदा का बयान दर्ज करने के चार दिनों बाद एफआईआर क्यों दर्ज की गई?
इस पूरे मामले में अरमिदा की मौत के बाद महिला संगठनों ने अपना विरोध दर्ज कराते हुए आभियुक्तों को तुरंत गिरफ़्तार कर मामले की जांच फास्ट टैक कोर्ट से कराने के अलावा पीड़ित परिवार को 20 लाख रुपये मुआवजे और सरकारी नौकरी की मांग की है.
वहीं जब बीबीसी ने अरमिदा के बड़े भाई इस्तेकार अहमद से पूछा कि वो क्या चाहते हैं, तो जवाब आया, "हमें तो बस हमारी बहन को ज़िंदा जलाने वालों के लिए फ़ांसी चाहिए. उससे कम कुछ भी नहीं."
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