मुसलमानों से निवेदन है ....
अगर कोई नाम निहाद मौलाना आपके मास्क लगाने पर सवाल खड़ा करते हुए आपके ईमान को कमजोर साबित करने की कोशिश करे तो जरा ऐसे मौलानाओं से पूछना
कि जब बीवी बाल बच्चे बीमार होते हैं तो डॉक्टरों के पास क्यों जाते हो ?
खुद हल्की सी छींक आते ही तुम्हारी नींद क्यों उड़ जाती है ?
तुम्हारा मजबूत ईमान को उस वक़्त घुन क्यों लग जाता है ?
ये तो बहुत ही मामूली बात और सवाल है , लिहाज़ किया जा रहा है , ताकि आइंदा बोलने से पहले सोंचों ।
कम पढ़े लिखे लोगों के पास उल्टी सीधी बात कर वाहवाही लूटने वाले ऐसे मौलानाओं को नहीं पता होता कि
जब तुम्हारी बातों की पकड़ साइंस और सही हदीस के हवाले से होने लगेगी तो , अगवारे गिला और पछवारे पिला होने अलावा कुछ नहीं बचेगा ।
फिर मुँह दिखाने के लायक भी नहीं रहोगे ।
बात तो कभी कभी खूब बनाते हो , क़ुरआन, इस्लाम और विज्ञान इन सभी में आपस में खूब रिश्ता जोड़ते हो , संबंध जोड़ने में पीछे नहीं हटते ।
दुनिया को बताने की कोशिश खूब करते हो कि विज्ञान , क़ुरआन में तरह तरह से सोध (रिसर्च ) के फलस्वरूप आया ।
दूसरी तरफ इसी क़ुरआन में रिसर्च से पैदा हुए विज्ञान पर अमल करने वाले , इस्लाम और विज्ञान में संबंध है पर विश्वास करने वाले मुसलमानों को अपनी ओछी तक़रीरों के जरिये ईमान पर सवाल उठाते हुए , शर्म नहीं आती ।।
गुजारिश .....ऐसे नाम निहाद और जाली मौलाना कुछ भी कहे लेकिन भीड़ भाड़ में जाते वक्त मास्क जरूर लगाना , क़ुरआन मास्क लगाने की मनाही नहीं करता , और न ही मास्क लगाने से आपका ईमान कमजोड हो जाएगा ।।
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