कोरोनाः क्या नींबू, कपूर, नेबुलाइज़र जैसे नुस्खों से बढ़ता है ऑक्सीजन लेवल? - बीबीसी रिएलिटी चेक
- बीबीसी फैक्ट चेक
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कोरोना की दूसरी लहर ने भारत के हेल्थकेयर सिस्टम को पस्त कर दिया है. बड़ी तादाद में लोगों को तुरंत इलाज की ज़रूरत पड़ रही है. लिहाजा लोग बदहवासी में तरह-तरह के नुस्खे आजमा रहे हैं.
इंटरनेट और सोशल मीडिया पर भ्रामक जानकारी फैला कर इनमें से कुछ लोगों को बेहद ख़तरनाक तरीकों से गुमराह किया जा रहा है.
मिसाल के तौर पर लोगों को ऑक्सीजन सैचुरेशन लेवल बढ़ाने के लिए ऐसे घरेलू नुस्खे बताए जा रहे हैं जो बिल्कुल कारगर नहीं हैं.
नेबुलाइज़र से नहीं मिलती ऑक्सीजन
इस वक्त पूरे देश में मेडिकल ऑक्सीजन के लिए हाहाकार मचा हुआ है. लेकिन इस बीच खुद को डॉक्टर बताने वाला एक शख्स सोशल मीडिया पर एक वीडियो को बड़ी तेजी से वायरल कर रहा है.
इस वीडियो में यह कथित डॉक्टर यह दावा कर रहा है कि नेबुलाइज़र ऑक्सीजन सिलेंडर का काम कर सकती है. नेबुलाइज़र एक ऐसी मशीन होती है जिसके ज़रिये मरीज़ सांस खींच कर दवा अपने शरीर में पहुंचाती है. दवा स्प्रे में तब्दील हो जाती है और मरीज़ इसे सांस खींच कर अंदर लेता है.
फ़ेसबुक, ट्विटर और वॉट्सऐप पर शेयर किए गए इस वीडियो में इस शख्स को हिंदी में इसका इस्तेमाल बताते हुए देखा जा रहा है.
यह शख्स कह रहा है, "हमारे वातावरण में पर्याप्त ऑक्सीजन है और यह नेबुलाइज़र इसे आपके शरीर के अंदर पहुंचा सकती है.ऑक्सीजन खींचने के लिए आपको सिर्फ़ एक नेबुलाइज़र की ज़रूरत है."
इस पोस्ट में जिस अस्पताल का नाम लिया गया है, वह राजधानी दिल्ली के नज़दीक है. लेकिन उसने वीडियो में किए जा रहे दावे से खुद को अलग कर लिया है.
उसका कहना है कि नेबुलाइज़र से ऑक्सीजन मिल सकती है "इसका कोई प्रमाण या वैज्ञानिक अध्ययन नहीं है."
मेडिकल विशेषज्ञों ने भी कहा है यह तकनीक अतिरिक्त ऑक्सीजन मुहैया कराने में बिल्कुल कारगर नहीं है.
जब वीडियो शेयर करने वाले कथित डॉक्टर की आलोचना होने लगी तो उसने एक दूसरा वीडियो जारी किया.
इसमें उसने कहा उसके संदेश को लेकर लोगों को "गलतफ़हमी" हुई है. उसका कहने का यह कतई मतलब नहीं था कि नेबुलाइज़र ऑक्सीजन सिलेंडर की जगह ले सकती है. इसके बावजूद यह वायरल वीडियो अभी तक सोशल मीडिया पर सर्कुलेट हो रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाल के एक संबोधन में भी इस वीडियो का स्क्रीनशॉट दिखाया गया था. जब मोदी अपने संबोधन में कह रहे थे कि कई डॉक्टर सोशल मीडिया के जानकारी दे रहे हैं. फ़ोन और वॉट्सऐप के ज़रिये मरीज़ों को दवा और सलाह दे रहे हैं, तब इस स्क्रीनशॉट को दिखाया जा रहा था. हालांकि इस संबोधन में वीडियो का ऑडियो इस्तेमाल नहीं किया गया था.
जड़ी-बूटियों से नहीं बढ़ताऑक्सीजन लेवल
भारत में इन दिनों सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर कोविड-19 का इलाज सुझाते और शरीर में गिरते ऑक्सीजन लेवल को बढ़ाने के तरीक़े बताते घरेलू नुस्खों की बाढ़ आई हुई है.
इंटनैट और चेट प्लेटफॉर्म पर 'नुस्खा' खूब शेयर किया जा रहा है. इसमें बताया जा रहा है कि कपूर, अजवाइन और यूकेलिप्टस के तेल का मिश्रण कोविड के मरीज़ों में ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने में काफी कारगर है.
लेकिन इसके कोई प्रमाण नहीं हैं कि यह कोविड-19 संक्रमित मरीज़ों को कोई फायदा पहुंचाता है.
एक डॉक्टर की ओर से डाले गए इस पारंपरिक आयुर्वेदिक दवा को प्रमोट करने वाले वीडियो को फ़ेसबुक पर 23 हज़ार बार शेयर किया गया है. यह वीडियो वॉट्सऐप पर भी खूब शेयर किया जा रहा है.
जबकि हक़ीकत यह है कि आम तौर पर स्किन क्रीम और मलहम के तौर पर इस्तेमाल होने वाले कपूर को अगर शरीर के अंदर लिया जाए तो यह घातक हो सकता है.
अमेरिका के सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल ने चेतावनी दी है कि कपूर का भाप शरीर के अंदर जाकर विषाक्त हो सकता है.
नींबू का रस कोरोना का जवाब नहीं
एक वरिष्ठ राजनेता और उद्यमी ने हाल में दावा किया कि नाक में दो बूंद नींबू का रस डालने से शरीर में ऑक्सीजन सेचुरेशन लेवल बढ़ जाता है.
विजय संकेश्वर नाम के इस राजनीतिक नेता ने कहा कि उन्होंने अपने उन सहकर्मियों से इस नुस्खे को आजमाने के लिए कहा था जिनका ऑक्सीजन लेवल कम था.
उन्होंने दावा किया, " इस नुस्खे को आजमाने के बाद इन सहकर्मियों का ऑक्सीजन लेवल 88 फीसदी से बढ़ कर 96 फीसदी हो गया."
उन्होंने कहा कि भारत की अस्सी फीसदी ऑक्सीजन समस्या इसी नुस्खे से ख़त्म हो जाएगी. लेकिन ऑक्सीजन लेवल सुधारने में इस नुस्खे के रोल का भी कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है.
ऑक्सीजन बढ़ाने के लिए योग गुरु रामदेव का 'जादू'
भारत के लोकप्रिय योग गुरु रामदेव भी आजकल न्यूज़ चैनलों और अपने यूट्यूब चैनल के वीडियो में लोगों को घर बैठे ही ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने के तरीक़े बताते दिख रहे हैं.
इस वीडियो में वह कहते हैं, "पूरे देश में ऑक्सीजन के लिए हाय-तौबा मची हुई है."
अपनी उंगली में ब्लड ऑक्सीजन लेवल जांचने वाले डिवाइस पहन कर बाबा कह रहे हैं मैं आपको एक जादू दिखाने जा रहा हूं. इसके बाद वह सांस संबंधी कुछ व्यायाम करके दिखाते हैं. आसन लगा कर बैठे रामदेव पहले अपनी सांस कुछ देर तक रोक लेते हैं और दिखाते हैं कि उनका ब्लड ऑक्सीजन सुरक्षित माने जाने वाले लेवल से भी नीचे गिरता जा रहा है.
इसके बाद वह कहते हैं, "ऑक्सीजन को नीचे जाने में 20 सेकेंड लगेगा. दो बार लंबी सांस लीजिये और आपके ख़ून में ऑक्सीजन खुद आ जाएगी क्योंकि वातावरण में पर्याप्त ऑक्सीजन है."
इसके बाद वह कहते हैं, "ऑक्सीजन को नीचे जाने में 20 सेकेंड लगेगा. दो बार लंबी सांस लीजिये और आपके ख़ून में ऑक्सीजन खुद आ जाएगी क्योंकि वातावरण में पर्याप्त ऑक्सीजन है."
आमतौर पर योग करना स्वास्थ्य के लिए अच्छा है लेकिन डब्ल्यूएचओ का कहना है कि जब कोविड-19 जैसे किसी स्वास्थ्य कारण से शरीर में ऑक्सीजन सेचुरेशन लेवल कम होता है तो इसे बाहर से देनी पड़ती है. यानी सप्लीमेंटल मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरत होती है.
डब्यूएचओ की डॉ. जेनट डियाज़ कहती हैं, "अगर मरीज़ के शरीर में ऑक्सीजन का लेवल कम है और यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहती है. इसका इलाज नहीं होता है तो शरीर की कोशिकाएं अपने आप ठीक तरीके से काम करना बंद कर देती हैं. इस स्थिति में सिर्फ़ मेडिकल ऑक्सीजन ही जान बचा सकती है."
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