फ़लस्तीनियों के समर्थन में विरोध-प्रदर्शन पर 21 कश्मीरी गिरफ़्तार
- आमिर पीरज़ादा
- बीबीसी संवाददाता
सांकेतिक तस्वीर
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कश्मीर में फ़लस्तीनियों के समर्थन में विरोध-प्रदर्शन के लिए 21 लोगों को गिरफ़्तार किया है.
कश्मीर के आईजी पुलिस विजय कुमार ने बीबीसी से कहा कि पूरे कश्मीर से 21 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. गिरफ़्तार किए गए लोगों में एक कलाकार भी हैं, जो फ़लस्तीनियों के समर्थन में भित्ति चित्र बनाते हैं.
27 साल के मुदासिर गुल को शुक्रवार को श्रीनगर से हिरासत में लिया गया. उन्हें भित्ति चित्र बनाने के लिए गिरफ़्तार किया गया है. भित्ति चित्र में लिखा था- हम सभी फ़लस्तीनी हैं.
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मुदासिर के भाई बदरुल इस्लाम ने बताया, "जब पुलिस ने उसे हिरासत में लिया तो उस पुल पर चढ़ने के लिए कहा और फिर उन्होंने काली स्याही से उस भित्ती चित्र को मिटा दिया."
बदरुल बताते हैं, "उन्हें एक दिन पहले हिरासत में लिया गया था लेकिन फिर भी परिवार को उनके ऊपर लगे आरोपों के बारे में नहीं बताया गया है."
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शनिवार को जारी एक बयान में जम्मू और कश्मीर पुलिस ने कहा कि पुलिस "कश्मीर की सड़कों पर हिंसा, अराजकता और अव्यवस्था भड़काने के लिए लोगों को उकसाने की किसी को अनुमति नहीं देगी."
बयान में कहा गया है कि "जम्मू-कश्मीर पुलिस उन लोगों और अराजक तत्वों पर कड़ी नज़र रख रही है जो कश्मीर घाटी में सार्वजनिक शांति और व्यवस्था को बिगाड़ने के लिए फ़लस्तीनियों की दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति का फ़ायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं. हम एक प्रोफ़ेशनल फोर्स हैं जो जनता की तक़लीफ़ को समझती है."
शनिवार को ही 22 साल के मोहम्मद इरफ़ान को भी हिरासत में लिया गया था.
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मोहम्मद इरफ़ान को उनके परिवार ने ही पुलिस के हवाले किया. मोहम्मद इरफ़ान के 17 साल के छोटे भाई को पुलिस ने हिरासत में ले रखा था, जिसकी रिहाई के बदले मोहम्मद इरफ़ान को पुलिस को सौंपा गया.
मोहम्मद इरफ़ान की माँ गुलशन बताती है, "रात के क़रीब एक बजे सशस्त्र बल ने दरवाज़ा खटखटाया और अंदर आ गए. वो मेरे बेटे इरफ़ान को खोज रहे थे. जब उन्हें मेरा बेटा इरफ़ान नहीं मिला तो वे मेरे छोटे बेटे को लेकर चले गए. उन्होंने हमसे कहा कि अगले दिन हम इरफ़ान को लेकर थाने पहुंचे तभी वो मेरे छोटे बेटे सुहैल को रिहा करेंगे."
इरफ़ान ने शुक्रवार को श्रीनगर में फ़लस्तीनियों समर्थन में हुए एक प्रदर्शन में हिस्सा लिया था.
इसराइल और फ़लीस्तीन के बीच तनाव और हिंसा बढ़ने के बाद इस सप्ताह कश्मीर में कई जगहों पर फ़लस्तीनियों के समर्थन में प्रदर्शन हुए हैं.
गुलशन कहती हैं, "यह विरोध प्रदर्शन कश्मीर के बारे में तो नहीं था. यह तो फ़लस्तीनियों के लिए था. इसमें ग़लत क्या है?"
वो कहती हैं, "उन्होंने मेरे बेटे को बंद कर दिया है और हम नहीं जानते हैं कि उसे कब रिहा किया जाएगा."
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