डीजल और पेट्रोल ||जीएसटी के मुताबिक अगर टैक्स लगे तो पेट्रोल और डीज़ल की कीमतें लगभग आधी हो जाएंगी || क्या केंद्र सरकार कीमतें घटाएगी? ।।
क्या केंद्र सरकार कीमतें घटाएगी?
मूडीज़ समर्थित प्रमुख रेटिंग एजेंसी आईसीआरए ने शुक्रवार को कहा है कि केंद्र सरकार को पेट्रोल और डीज़ल पर टैक्स कम करने पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए.
उसका कहना है कि केंद्र चाहे तो वो बग़ैर घाटा उठाए पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों में कम से कम 4.50 रुपये तक टैक्स कम कर सकती है.
टैक्स कम करने से सरकार की कमाई कम कैसे नहीं होगी, ये उसने एक गणना के ज़रिए बताया. एजेंसी ने कहा कि इससे पेट्रोल पंप पर कीमतें कम होंगी और आम आदमी को राहत मिलेगी.
लेकिन जानकारों के मुताबिक कोरोना महामारी की वजह से सरकार का ख़र्च बहुत बढ़ गया है.
ऐसे में अपना ख़जाना बढ़ाने के साथ ही राजकोषीय घाटे को बढ़ने से रोकने के लिए सरकार पेट्रोल-डीज़ल पर टैक्स कम नहीं कर रही है.
भारत कच्चे तेल का आयात करने वाला (अमेरिका और चीन के बाद) दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश है. पेट्रोल, डीज़ल और शराब, सरकार की कमाई के सबसे बढ़िया ज़रिया हैं.
यही कारण है कि बार बार यह मांग उठने के बावजूद सरकार ने इन उत्पादों को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा है ताकि इस पर टैक्स को अपने अनुसार घटा बढ़ा सके और इसके लिए उसे जीएसटी काउंसिल में न जाना पड़े. साथ ही ये सब को पता है कि जीएसटी के मुताबिक अगर टैक्स लगे तो पेट्रोल और डीज़ल की कीमतें लगभग आधी हो जाएंगी.
इतना ही नहीं, पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों को लेकर सरकार की मंशा इससे भी स्पष्ट है कि कोरोना महामारी के दौरान कच्चे तेल की कीमतें काफ़ी नीचे आईं लेकिन सरकार ने पेट्रोल-डीज़ल की कीमतें कम नहीं होने दीं.
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