कोरोना: डबल वेरिएंट इन्फ़ेक्शन क्या है? जिससे हुई एक महिला की मौत
- मिशेल रॉबर्ट्स
- हेल्थ एडिटर, बीबीसी न्यूज़
क्या ये संभव है कि कोई एक शख़्स एक ही समय में कोरोना वायरस के दो अलग-अलग वेरिएंट से संक्रमित हो जाए?
इसका जवाब है- हां.
एक ही समय में कोरोना वायरस के दो अलग-अलग वेरिएंट से संक्रमित होना संभव है. 90 साल की एक महिला में इस तरह का संक्रमण देखने के बाद डॉक्टर इसे लेकर चेतावनी दे रहे हैं.
कहां का है मामला और कौन से वेरिएंट
90 साल की इन महिला की मार्च 2021 में बेल्जियम में मौत हो गई. हालांकि उन्हें वैक्सीन भी नहीं लगी हुई थी.
यह बुज़ुर्ग महिला पहले अल्फ़ा वेरिएंट के कारण बीमार पड़ीं और बाद में इनमें बीटा वेरिएंट की भी पुष्टि की गई.
बीटा वेरिएंट, जिसकी सबसे पहले पहचान ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका में की गई थी.
इन बुज़ुर्ग महिला का इलाज करने वाले डॉक्टरों को संदेह है कि यह महिला दो अलग-अलग वेरिएंट से संक्रमित लोगों के संपर्क में आयी होंगी.
उनका मानना है कि यह अपनी तरह का पहला रिपोर्ट हुआ केस है जिसमें एक ही शख़्स, दो अलग-अलग वेरिएंट से संक्रमित पाया गया हो.
दुर्लभ लेकिन चेतावनी
डॉक्टरों का कहना है कि यह दुर्लभ है लेकिन इसी के साथ ये भी समझ लेना चाहिए कि इस तरह के संक्रमण भी हो रहे हैं.
क्लिनिकल माइक्रोबायोलॉजी और संक्रामक रोगों पर होने वाली इस साल की यूरोपीय कांग्रेस में उनके केस पर चर्चा की जा रही है.
इस साल जनवरी महीने में, ब्राज़ील में वैज्ञानिकों ने बताया था कि दो ऐसे लोग हैं जो एक ही समय पर दो अलग-अलग तरह के वायरस से संक्रमित हुए थे. जिनमें से एक में गामा वेरिएंट पाया गया था, जिसे लेकर चिंता भी ज़ाहिर की गई.
इस बीच, पुर्तगाल के शोधकर्ताओं ने एक ऐसे 17 वर्षीय शख़्स का इलाज किया जिसे जब इलाज के लिए लाया गया था तो वह एक प्रकार के वेरिएंट से संक्रमित था लेकिन अभी वह ठीक ही हो रहा था कि उसमें एक और वेरिएंट पाया गया.
लेकिन 90 वर्षीय इन बुज़ुर्ग महिला का केस चिंता और सोच में डालने वाला है. सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि इस महिला में वह वेरिएंट पाया गया जिसे डॉक्टर सबसे घातक बता रहे हैं और जिसे शोधकर्ता अभी भी ट्रैक करने की कोशिश कर रहे हैं.
इन महिला को गिरती सेहत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में उन्हें सांस लेने से जुड़ी गंभीर समस्या होने लगी.
जब उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था तो उनके सैंपल भी लिए गए थे. उन सैंपल्स की जांच से पता चला कि उन्हें कोविड-19 था. उनमें कोरोना वायरस के दो म्यूटेटेड वर्ज़न पाये गए. अल्फ़ा और साथ ही साथ बीटा.
एक शख़्स में दो वेरिएंट पहुंचे कैसे
बेल्जियम के आल्स्ट में ओएलवी अस्पताल की प्रमुख शोधकर्ता डॉ ऐनी वेंकेरबर्गेन ने कहा, "ये दोनों वेरिएंट उस समय बेल्जियम में मौजूद थे. तो ऐसे में यह हो सकता है कि यह महिला दो ऐसे अलग-अलग लोगों के संपर्क में आयी हों जो दो अलग-अलग वेरिएंट के कारण संक्रमित हों. हालांकि यह दुर्भाग्य की बात है कि हमें यह नहीं पता है की वह संक्रमित कैसे हुई थीं."
"वह अकेली रहती थीं, लेकिन उसकी देखभाल करने के लिए बहुत से लोग आए."
डॉ. वेंकेरबर्गेन कहती है कि अभी यह कह पाना या बता पाना मुश्किल है कि अगर कोई शख़्स एक समय पर दो तरह के वेरिएंट से संक्रमित है तो क्या यह उसके लिए अधिक ख़तरनाक है.
कोरोना वायरस को लेकर शुरू से कहा जा रहा है कि यह वायरस लगातार अपना स्वरूप बदल रहा है और लगातार म्यूटेट हो रहा है. जिससे कम समय में ही इसका दूसरा वेरिएंट भी आ जा रहा है.
कोरोना वायरस में होने वाला यह लगातार बदलाव, वायरस की स्थिति को मज़बूत करता है. उदाहरण के तौर पर- वायरस अपनी क्षमता दिखा रहा है और ऐसा करते हुए वह मौजूदा समय में कुछ हद तक मानव-रोग-प्रतिरक्षा और यहां तक की कोविड-19 वैक्सीन को भी चकमा दे सकता है.
वैक्सीन के प्रभाव को लेकर अध्ययन की आवश्यकता
मौजूदा समय मे ब्रिटेन में डेल्टा वेरिएंट काफी तेज़ी से पैर पसार रहा है.
हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि जो टीके मौजूदा समय में उपलब्ध हैं वे इस वेरिएंट के ख़िलाफ़ पूरी सुरक्षा प्रदान करते हैं.
वैज्ञानिक नए कोविड टीके डिज़ाइन कर रहे हैं जो नए वेरिएंट के ख़िलाफ़ और भी बेहतर और कागरर होंगे. जिन्हें बूस्टर के रूप में इस्तेमाल किया जा सकेगा.
यूनिवर्सिटी ऑफ़ वारविक में वायरोलॉजी के एक विशेषज्ञ प्रोफेसर लॉरेंस यंग के मुताबिक़, "किसी एक ही शख़्स में कोरोना वायरस के दो वेरिएंट मिलना आश्चर्य की बात नहीं है. ये अलग-अलग समय पर अलग-अलग वेरिएंट से संक्रमित लोगों के संपर्क में आने से हो सकता है."
हालांकि वह ये ज़रूर कहते हैं कि इस संबंध में और अधिक अध्ययन करने की ज़रूरत है कि क्या इस तरह के दोहरे संक्रमण से वैक्सीन के प्रभाव पर असर होगा अथवा नहीं.
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