यूपी: मुसलमानों को घर बेचने के बाद सामूहिक पलायन की धमकी का क्या है मामला - प्रेस रिव्यू
पुलिस ने यह भी बयान जारी किया है कि किसी भी शख़्स को कहीं भी रहने की स्वतंत्रता है.
कोई किसी को अपनी संपत्ति बेचने से नहीं रोक सकता है. यह भी सामने आया है कि कुछ स्थानीय निवासी उन दो संपत्तियों को ख़रीदने में रुचि रखते थे और अब उन्हें पता चला कि वे बेची जा चुकी हैं."
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद ज़िले के एक मध्यम वर्गीय इलाक़े में मुसलमानों को घर बेचने के बाद वहां रहने वाले लोगों ने सामूहिक पलायन की धमकी के पोस्टर अपने घरों के बाहर लगा दिए हैं.
अंग्रेज़ी अख़बार 'द इंडियन एक्सप्रेस' के अनुसार, मुरादाबाद के लाजपत नगर इलाक़े की शिव मंदिर कॉलोनी में दो संपत्तियां मुसलमानों को बेची गईं जिसके बाद लगभग हर घर के दरवाज़े के बाहर सामूहिक पलायन के पोस्टर लगे हुए हैं.
हालांकि, ज़िला प्रशासन का कहना है कि इस पूरे विवाद के केंद्र में संपत्ति का मामला है.
कई घरों के आगे लगे पोस्टरों पर लिखा है, "सामूहिक पलायन, यह मकान बिकाऊ है, संपर्क करें." इन पोस्टरों को पिछले सप्ताह लगाया गया था और वहां रहने वाले लोगों का दावा है कि उनके पड़ोस में दो संपत्तियां मुसलमानों को बेचने के बाद यह किया गया है.
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अख़बार लिखता है कि इस कॉलोनी के दो प्रवेश बिंदुओं पर यह दो संपत्तियां हैं जो कि अभी बंद हैं.
गौरव कोहली का व्यवसायी परिवार इस इलाक़े में 40 सालों से रह रहा है वो अख़बार से कहते हैं, "एक आपसी समझ रही है कि वे अपने इलाक़े में रहेंगे और हम अपने में और यह ठीक चल रहा था. क्यों वो यहां आकर जबरन रहना चाहते हैं और माहौल ख़राब करना चाहते हैं. हमारी संस्कृति अलग है. हमारे ख़ुद के त्योहार हैं जिन्हें हम अपनी तरह मनाते हैं. वे अपने त्योहार के समय क़ुर्बानी करेंगे."
समय क़ुर्बानी करेंगे."
विरोध प्रदर्शन के तहत यहां रहने वाले सभी लोग हर रोज़ कॉलोनी के बाहर शिव मंदिर पर रोज़ाना इकट्ठा होते हैं. मंदिर के प्रवेश बिंदु पर पूरा इलाक़ा बिकाऊ होने का बैनर लगा है. निवासियों का कहना है कि मंदिर की 'सुरक्षा' के कारण भी प्रदर्शन हो रहे हैं.
प्रदर्शन का संज्ञान लेते हुए ज़िलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह ने जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने मंगलवार को मुरादाबाद एसएसपी के साथ इलाक़े का दौरा किया था.
ज़िलाधिकारी ने कहा, "कॉलोनी में 81 घर हैं. दो घरों के मालिकों ने दो महीने पहले अपनी संपत्तियों को मुस्लिम समुदाय से संबंधित लोगों को बेच दिया था. सोमवार को ज़िला प्रशासन की संयुक्त टीम ने जांच की. इन घरों में कोई नहीं रह रहा है और ये बाहर से बंद हैं."
"हमने लोगों को समझाने की कोशिश की कि कोई किसी को अपनी संपत्ति बेचने से नहीं रोक सकता है. यह भी सामने आया है कि कुछ स्थानीय निवासी उन दो संपत्तियों को ख़रीदने में रुचि रखते थे और अब उन्हें पता चला कि वे बेची जा चुकी हैं."
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