यूपी के बिजनौर में खो-खो खिलाड़ी की बर्बर हत्या, बलात्कार की आशंका
- शहबाज़ अनवर
- बिजनौर से, बीबीसी हिंदी के लिए
उत्तर प्रदेश के बिजनौर रेलवे स्टेशन पर बीते शुक्रवार को दोपहर दो बजे के आस-पास एक युवती का शव पाया गया. युवती की पहचान रेलवे स्टेशन के पास ही सर्वोदय कॉलोनी में रहने वाली और राष्ट्रीय स्तर पर खो-खो खिलाड़ी रहीं 24 साल की बबली रानी के तौर पर की गई.
बबली की बड़ी बहन ललिता बताती हैं, "मेरी बहन शुक्रवार सुबह 11:40 पर घर से निकली थी लेकिन बाद में उसका शव रेल पटरी पर पड़े होने की सूचना मिली."
घटना की सूचना के बाद जीआरपी एसपी अपर्णा गुप्ता भी मौके पर पहुंची थीं.
अपर्णा गुप्ता ने बताया, "शव का पोस्टमार्टम हमने करा दिया है. बलात्कार की रिपोर्ट के बारे में अभी मेरे पास जानकारी नहीं है."
"परिजनों ने बबली के साथ बलात्कार की आशंका व्यक्त की थी. ऐसे में उनकी शिकायत को प्राथमिकता के आधार पर दर्ज किया गया है. बलात्कार की रिपोर्ट भी दर्ज की गई है. यह मामला सिविल पुलिस को ट्रांसफ़र किया जा रहा है."
बबली की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बारे में एसपी बिजनौर डॉक्टर धर्मवीर ने बताया, "बबली की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बलात्कार या अन्य कोई अपराध नहीं पाया गया है.''
उन्होंने कहा, ''मृत्यु का कारण गला घोटना पाया गया है. दो डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमॉर्टम किया है. फ़ोटोग्राफ़ी, वीडियोग्राफ़ी भी हुई है. इस पैनल में एक महिला चिकित्सक भी शामिल रही हैं. मामले की जांच के लिए चार टीमें गठित कर दी गई हैं."
बबली दलित परिवार से ताल्लुक रखती थीं.
महज दो घंटे के बीच हुआ अपराध
हल्के पीले रंग की टीशर्ट और नेवी ब्लू ट्राउज़र में बबली की तस्वीर है. हादसे के ठीक बाद की इन तस्वीरों से ज़ाहिर होता है कि उनके ट्राउजर को ज़बरदस्ती उतारने की कोशिश की गई थी.
बबली की गर्दन पर गहरे निशान थे.
उनका मुंह ख़ून में सना था और टी-शर्ट पर भी ख़ून के छींटे थे. आँखें हल्की खुली थीं. शव के आसपास एक चप्पल और टिफ़िन बॉक्स मिला है जबकि बबली का मोबाइल ग़ायब है.
बबली घर से सुबह 11:40 पर निकली और बाद में उनका शव मिलने की सूचना दोपहर दो बजे घर वालों को मिली. ऐसे में आशंका यही है कि बबली के साथ अपराध दोपहर 11:45 बजे से लेकर दोपहर दो बजे के बीच हुआ.
बबली की बड़ी बहन ललिता नलकूप विभाग में नलकूप चालक हैं. उन्होंने बताया, "हमारी किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी. मेरी बहन तो इस जगह से अक्सर आती जाती थी. उसकी हत्या मालूम नहीं किसने की है."
ललिता ने यह भी बताया, "जिस जगह मेरी बहन का शव पड़ा मिला वहां कई लोग तम्बाकू, बीड़ी और गुटखा समेत कई तरह का नशा करते हैं.''
ललिता अपनी बहन के साथ रेप की कोशिश की आशंका ज़ाहिर करती हैं.
वो कहती हैं, "मेरी बहन खिलाड़ी थी. वो एक या दो लोगों के बस में आने वाली नहीं थी. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट अगर सही है तो उसके साथ रेप की आशंका है. अभियुक्त संभवतः पहचान के हो सकते हैं इसलिए उसे मार डाला."
ललिता की इन आशंकाओं पर बिजनौर के एसपी डॉ धर्मवीर सिंह ने कहा, "ये सब जांच का विषय है. मुकदमे में धारा 376 के अलावा 354 भी शामिल है. बलात्कार की कोशिश है तो उसकी जांच चल रही है. पहली नज़र में मुझे लगता है कि अभियुक्त आस-पास के ही होंगे. इस बारे में कुछ और ज़्यादा बताना शायद अभी बेहतर नहीं है.
बबली का शव स्लीपर्स (रेल पटरियों के बीच रखे जाने वाले सीमेंट के लंबे ब्लॉक) के ढेर के बीच मिला. नज़दीक में ही सर्वोदय कॉलोनी है.
लोगों ने यहाँ से शहर के भीतर जाने के लिए शॉर्ट-कट बनाया हुआ है. मुख्य रास्ते का इस्तेमाल कर शहर पहुंचने में आधे घंटे से अधिक समय लगता है. एक रेल फाटक भी बीच में है.
इस अनाधिकृत रास्ते से शहर जाने पर मुश्किल से 10 मिनट का ही समय लगता है.
जीआरपी चौकी प्रभारी जितेंद्र कुमार ने बताया, "लोग इस तरफ ग़लत तरीक़े से आते जाते हैं. यहां पटरियों के किनारे स्लीपरों के ढेर लगे हैं. थोड़ा सा समय बचाने के चक्कर में लोग इन ढेरों के बीच से तो कभी इन पर चढ़कर रेल पटरियों को पार करते हैं, जो पूरी तरह ग़ैर-क़ानूनी है.''
''समय-समय पर ऐसे लोगों पर कार्रवाई भी होती है. यहां से काफ़ी पहले प्लेटफार्म भी ख़त्म हो जाता है."
रेलवे स्टेशन से आगे होने की सूरत में यह जगह काफ़ी सुनसान दिखाई पड़ती है.
छोटा सा घर जहां बेटी की यादें भर ही बची हैं
बिजनौर में नगीना रोड रेल फाटक के पास से क़रीब आधा किलोमीटर आगे शुगर मिल के नज़दीक बबली का घर है.
सर्वोदय कॉलोनी में जाट, चौहान, शर्मा (हिन्दू जुलाहे) की मिश्रित आबादी के बीच ही ऋषि पाल का घर है.
स्थानीय चीनी मिल में मजदूरी करने वाले ऋषि पाल बबली का अंतिम संस्कार करने गए हुए थे और उनसे हमारी मुलाकात नहीं हो सकी.
संकरी गलियों से होते हुए अंतिम छोर पर बबली का एक छोटा घर है, जो मुश्किल से 70-80 वर्ग गज़ में फैला है.
घर के बाहर छोटे से आंगन के कोने में छप्पर पड़ा है जिसके नीचे दो भैंसें बंधी हुई हैं.
पास पड़ोस और रिश्तेदारी की कुछ महिलाएं इस परिवार को सांत्वना देने के लिए घर में बैठी हुई थीं.
बबली की मां गीता के आंसू भी नहीं थम रहे थे. उन्होंने कहा, "मेरी बेटी रेल पटरियों के निकट स्लीपर के बीच पड़ी थी. उसकी गर्दन पर निशान थे. ज़ालिमों ने उसका गला घोंट दिया. उसके मुंह से खून निकल रहा था. कपड़ों पर भी ख़ून था. कोई वापस ला दो मेरी बेटी को."
बरामदे के निकट ही अलग-अलग दिशाओं में तीन छोटे कमरे हैं जिनमें से एक कमरा बबली का है. बबली का बेड, उसके मेडल, सर्टिफिकेट, टीवी और दूसरा सामान काफ़ी सजाकर रखे नज़र आते हैं.
राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी, जिसे नौकरी की तलाश थी...
बबली शुरू से ही खेलों में शानदार थीं. उसने 10वीं और 12वीं कक्षा की पढ़ाई गवर्नमेंट गर्ल्स इंटर कॉलेज बिजनौर से वर्ष 2011 और 2013 में पूरी की थी.
इसके बाद स्नातक वर्धमान डिग्री कॉलेज से किया.
बबली की बहन ललिता बताती हैं, "बबली ने स्नातक करने के बाद परा-स्नातक में प्रवेश लिया लेकिन प्रथम वर्ष करने के बाद उसने पढ़ाई छोड़ दी थी. बबली खो-खो के अलावा एथलीट भी थी लेकिन खो-खो में वह राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन कर चुकी है."
स्थानीय शिक्षक चंद्रहास कहते हैं, "बबली राष्ट्रीय स्तर पर खो-खो खेल चुकी थी. वह काफी प्रतिभाशाली खिलाड़ी थी."
बबली की सहेली मोनिका अपनी दोस्त की हत्या से सदमे में हैं.
उन्होंने बताया, "बबली बचपन से ही खेलकूद में काफी आगे थी. वह खो-खो की बेहतरीन खिलाड़ी थी. 2016 में वो बिहार की टीम की ओर से खेलने के लिए महाराष्ट्र गई थी. कई दिन वहां रही भी थी. उसने कई सर्टिफिकेट हासिल किए थे, कई मेडल भी जीते. रेस में भी वह काफ़ी तेज़ थी."
ज़िला खो-खो संघ बिजनौर के सचिव मुकुल कुमार कहते हैं, "बबली एक होनहार खो-खो खिलाड़ी थी. उसने 2016 में राष्ट्रीय स्तर पर खेला और 2017 में राज्य स्तरीय टूर्नामेंट में प्रदर्शन किया."
बबली उत्तराखंड के श्रीनगर पौड़ी गढ़वाल से बीपीएड में द्वितीय वर्ष की छात्रा थीं. कोरोना महामारी के दौरान कॉलेज बंद होने पर वह घर आई हुई थीं.
इसी दौरान वह एक स्कूल में खेल की शिक्षिका बन गई थीं लेकिन वह बेहतर नौकरी की तलाश में थीं.
घटना वाले दिन भी वह इंटरव्यू देने के लिए एक स्कूल जाने की बात कहकर घर से निकली थी.
अच्छे कपड़े पहनना, फ़ोटो खिंचवाना, वीडियो बनवाना, सोशल मीडिया पर एक्टिव रहना भी बबली के शौक़ में शुमार था. बहन और मां की निगाह जब-जब बेटी की तस्वीरों पर पड़ती है तो वे उस पर प्यार से हाथ फेरती हैं.
जिस जगह पर शुक्रवार को बबली की हत्या हुई, कभी उसी जगह पर खींची गई एक फ़ोटो उनके घर में फ्रेम में लगी रखी है.
ललिता उस फ़ोटो की तरफ इशारा कर कहती हैं, "बबली, तुझे जहां फ़ोटो खिंचवाने का शौक़ था तेरा क़त्ल भी वहीं हो गया."
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