पाकिस्तान के लिए सऊदी अरब ने उठाया फिर बड़ा क़दम
पाकिस्तान के ऊर्जा मंत्री हमाद अज़हर ने कहा है कि सऊदी अरब ने पाकिस्तान को सालाना 1.2 अरब डॉलर के मूल्य का तेल उपलब्ध कराने और स्टेट बैंक ऑफ़ पाकिस्तान में तीन अरब डॉलर जमा करने की घोषणा की है.
ट्विटर पर जारी एक बयान में हमाद अज़हर ने बताया कि पाकिस्तान को इस तेल के लिए तुरंत भुगतान नहीं करना होगा. यह तेल देर से भुगतान की सुविधा के तहत उपलब्ध होगा.
अज़हर के मुताबिक़ सऊदी विकास फ़ंड के इन क़दमों से पाकिस्तान को मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव कुछ कम होगा.
ग़ौरतलब है कि इस समय पाकिस्तान में डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये की क़ीमत में तेज़ी से गिरावट देखने को मिल रही है और महज़ चार महीने में डॉलर की क़ीमत में 20 पाकिस्तानी रुपयों से ज़्यादा का इज़ाफा हुआ है. इस समय एक अमेरिकी डॉलर 175 रुपए का है.
सऊदी अरब की सरकारी समाचार सेवा एसपीए के मुताबिक़ सऊदी विकास फ़ंड ने मंगलवार को एक बयान में कहा है कि शाही निर्देश पर पाकिस्तान के सेंट्रल बैंक मैं तीन अरब डॉलर जमा करवाए जाएंगे ताकि पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार को सहारा दिया जा सके और सरकार को कोरोना महामारी की वजह से पैदा होने वाली समस्याओं से निबटने में मदद मिल सके.
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सऊदी विकास फ़ंड के मुताबिक़ शाही निर्देश पर, एक साल के भीतर पाकिस्तान को 1.2 अरब डॉलर का तेल भी मुहैया कराया जाएगा.
गौरतलब है कि इस 'आर्थिक पैकेज' की घोषणा सऊदी अरब ने हाल ही में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान के सऊदी अरब दौरे के बाद की थी.
सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के न्योते पर इमरान ख़ान ने इस सप्ताह सऊदी अरब की तीन दिवसीय यात्रा की थी.
यह पहली बार नहीं है कि सऊदी अरब पाकिस्तान को देर से भुगतान पर तेल की सुविधा दे रहा है. पहले भी सऊदी अरब ने पाकिस्तान को इस तरह की सुविधा दी है.
इससे पहले, 1998 में, जब अमेरिका ने अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर पाकिस्तान पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए थे, पाकिस्तान एक गंभीर वित्तीय संकट की चपेट में आ गया था. तब भी सऊदी अरब ने पाकिस्तान को सालाना तीन अरब डॉलर का उधार देना शुरू किया था.
इसी तरह, 2014 में जब पाकिस्तान को अपने भुगतान संतुलन को काबू में रखने के लिए विदेशी मुद्रा की आवश्यकता थी, सऊदी अरब ने पाकिस्तान को 1.5 अरब डॉलर नक़द दिए थे, जिससे पाकिस्तान ने अपने विदेशी मुद्रा भंडार को सुधारा था.
इमरान ख़ान की सरकार के दौरान ये तीसरी बार है जब सऊदी अरब पाकिस्तान को यह सुविधा दे रहा है.
इमरान ख़ान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक़-ए-इंसाफ़ की सरकार के सत्ता में आने के बाद साल 2018 के अंत में पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार को स्थिर रखने के लिए सऊदी अरब ने तीन अरब डॉलर दिए थे. साथ ही देर से भुगतान की शर्तों के साथ नौ अरब डॉलर तक का तेल देने का समझौता भी किया गया था.
सऊदी अरब ने पाकिस्तान को हर महीने साढ़े 27 करोड़ डॉलर का तेल नौ महीने तक मुहैया कराया, लेकिन फिर सऊदी अरब ने अचानक इस सुविधा को बंद कर दिया था.
फिर इसी साल जून में, ऊर्जा मंत्री हमाद अज़हर और प्रधानमंत्री इमरान खान के विशेष राजस्व सहायक वकार मसूद ने घोषणा की थी कि पाकिस्तान को एक साल के लिए सऊदी अरब से डेढ़ अरब डॉलर का तेल मिलेगा.
पाकिस्तान अपनी ऊर्जा ज़रूरतों के लिए दस अरब डॉलर तक के उत्पाद आयात करता है. यदि इसमें गैस के आयात को भी शामिल कर लिया जाए तो ये बढ़कर 14-15 अरब डॉलर तक पहुंच जाता है.
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