मध्य प्रदेशः आदिवासियों की 'मॉब लिंचिंग' मामले में बजरंग दल का नाम क्यों आ रहा - ग्राउंड रिपोर्ट
- सलमान रावी
- बीबीसी संवाददाता
मध्य प्रदेश सरकार ने सिवनी ज़िले में 'मॉब लिंचिंग' यानी भीड़ के हाथों मारे गए दो आदिवासियों के परिजनों को एक-एक नौकरी और आठ लाख 25 हज़ार रूपए बतौर मुआवज़ा देने की घोषणा की है. इसके अलावा घटना में घायल व्यक्ति को भी मुआवज़ा देने की घोषणा की गई है.
इससे संबंधित लिखित जानकारी सिवनी के ज़िला अधिकारी राहुल हरिदास फटिंग ने पीड़ित परिवारों को जारी की है जिसे बुधवार को अनुमंडल अधिकारी ने मृतकों के परिजनों और घायल हुए आदिवासी के परिजन को सौंपी है.
आदेश में कहा गया है, "अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम 1989 एवं मध्य प्रदेश नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम 1995 में हत्या के प्रकरण में रोज़गार दिए जाने का प्रावधान है." इसी प्रावधान के तहत मृतकों के एक-एक आश्रित को नौकरी देने की घोषणा की गई है.
सोमवार तड़के की घटना
घटना सोमवार तड़के की है जिसमें '20 से 25' लोगों के समूह ने कुराई थाने के अंतर्गत पड़ने वाले सिमरिया में आदिवासियों के ग्वारी गाँव पर हमला कर दिया.
इस संबंध में जो प्राथमिकी दर्ज की गई है उसके अनुसार घटना सुबह के 2.30 बजे से लेकर 3.00 बजे की है जब एक उग्र भीड़ ने धनासाय इनवाती और सागर गाँव के रहने वाले सम्पतलाल बट्टी पर हमला कर दिया था.
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इन दोनों पर भीड़ ने गौ हत्या का आरोप लगाते हुए हमला किया. इस बीच वहाँ पर पड़ोस के रहने वाले बृजेश बट्टी भी पहुंचे जिन्हें भीड़ ने निशाना बना लिया.
बृजेश घटना में बुरी तरह घायल हो गए थे जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा है. बृजेश के बयान के आधार पर ही इस घटना के संबंध में प्राथमिकी दर्ज की गई है.
पुलिस अधीक्षक कुमार प्रतीक ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि भीड़ ने गौ हत्या के शक़ में तीन लोगों पर हमला किया. उनका कहना था कि पुलिस को सौंपने की बजाय भीड़ ने तीनों आदिवासियों को खुद ही पीटना शुरू कर दिया था. उन्होंने कहा कि इस संबंध में छह लोग नामज़द किए गए हैं जबकि अन्य अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज़ की गई है.
गोमांस रखने का आरोप
पुलिस अधीक्षक का कहना था कि भीड़ पीड़ितों पर गोमांस रखने का आरोप लगा रही थी. वो ये भी कहते हैं कि बजरंग दल के ही किसी सदस्य ने बदलापार पुलिस को फोन कर गो तस्करी का आरोप लगाया था. पुलिस घटनास्थल पर पहुँची और गंभीर रूप से घायल तीनों आदिवासियों को ज़िला अस्पताल ले गई. उनका कहना था कि धनसा व संपत ने अस्पताल में दम तोड़ दिया था.
बुधवार की दोपहर तक घटना के सिलसिले में नौ लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है जिसमें दोनों आदिवासी ज़िंदा दिख रहे हैं.
मारे गए दो आदिवासियों में से एक धनासाय इनवाती के पुत्र जय प्रकाश से बीबीसी ने फ़ोन के ज़रिये जब संपर्क किया तो उस समय ज़िला प्रशासन के अधिकारियों का दल उनके घर पर मौजूद था जिसमें अनुमंडल अधिकारी और तहसीलदार भी शामिल थे.
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अधिकारी जय प्रकाश के लिए नियुक्ति पत्र लेकर आये थे. उन्हें सिवनी के सरकारी स्कूल में नौकरी दी गई है जबकि मारे गए सम्पतलाल बट्टी की पुत्री सुनीता को दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के रूप में नियुक्ति पत्र दिया गया है.
जय प्रकाश घटना के चश्मदीद भी हैं. बीबीसी से बात करते हुए वो कहते हैं, "रात में अचानक शोर हुआ. यही कोई सुबह तीन बजे का वक़्त होगा. गर्मी में हम सब बाहर आँगन में सोते हैं. हम घबराकर उठे तो देखा कि भीड़ लाठियों से मेरे पिता पर हमला करने आ रही है. हमारे यहाँ पास के गाँव से मेहमान आए थे सम्पतलाल. भीड़ उन्हें भी पीटने लगी. ये सब बजरंग दल के लोग थे क्योंकि वो ऐसा बता रहे थे. फिर शोर सुनकर पड़ोस के ही बृजेश आए तो भीड़ उन्हें भी पीटने लगी."
जय प्रकाश कहते हैं, "वो मेरे सामने मेरे पिता को पीट रहे थे और मैं बेबस खड़ा देखता रहा. मेरी माँ उन्हें बचाने गईं तो भीड़ ने उन्हें भी मारा. हम कितने मजबूर हैं."
हालांकि केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते कहते हैं कि, ''अभी ये कहना जल्दबाज़ी होगी कि जिस भीड़ ने आदिवासियों पर हमला किया था वो बजरंग दल के लोग ही थे.''
पत्रकारों से बात करते हुए वो कहते हैं कि इसके कोई सबूत नहीं मिले हैं कि हमला करने वाले बजरंग दल के ही थे. कुलस्ते मंडला-सिवनी के सांसद भी हैं.
घटना के बाद महाराष्ट्र की सीमा से लगे इस इलाके के उस मार्ग को कांग्रेस के विधायक अर्जुन सिंह ने जाम कर दिया था.
वहीं सिवनी के बजरंग दल के अध्यक्ष देवेन्द्र सेन से जब बीबीसी ने फ़ोन पर संपर्क किया तो उन्होंने घटना को 'बजरंग दल के विरुद्ध साज़िश' कहा. देवेन्द्र कहते हैं कि गो-तस्करी के ख़िलाफ़ उनका संगठन लगातार काम करता आ रहा है.
क्या कहना है बजरंग दल का
वो कहते हैं, "ये महाराष्ट्र से लगी सीमा है और रोज़ यहाँ से गो तस्करी होती है. अभी दो दिनों पहले हमने 29 जानवरों से लदे ट्रक को पकड़ा और उसे पुलिस के हवाले कर दिया था. इससे पहले भी एक स्कार्पियो गाडी में चार जानवर ठूंस कर महाराष्ट ले जाए जा रहे थे. हमारे कार्यकर्ताओं ने उसे भी पकड़ा और पुलिस के हवाले कर दिया."
सोमवार की घटना के संबंध में उन्होंने कहा कि उनका संगठन मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रहा है. "हमारे संगठन का नाम लिया जा रहा है मगर इसमें कितनी सच्चाई है वो हम खुद पता लगा रहे हैं. ये साज़िश भी हो सकती है."
मृतक धनासाय इनवाती के पुत्र जय प्रकाश ने बीबीसी से बात करते हुए कहा कि सिवनी के आदिवासियों पर लगातार हमले बढ़ रहे हैं और पूरा समाज डर के माहौल में जी रहा है.
उन्होंने मोहगांव में आदिवासी युवक की हत्या और ग्वारी में आदिवासी युवती के बलात्कार और हत्या की घटना की चर्चा करते हुए कहा कि आदिवासी समाज के लोग सहमे हुए हैं और असुरक्षित महसूस कर रहे हैं.
इस बीच प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का कहना है कि स्थानीय आदिवासियों ने घटना में शामिल लोगों की बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के रूप में पहचान की है. उनका आरोप था कि पूरे देश में आदिवासियों पर सबसे ज़्यादा अगर हमले कहीं हो रहे हैं तो वो है मध्य प्रदेश.
कांग्रेस पार्टी ने भी घटना की जाँच के लिए तीन सदस्यों की एक टीम बनाई है. उधर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा का कहना था कि अभियुक्त कोई भी हों या किसी भी संगठन से जुड़े हुए हों, उनको सज़ा दिलाई जाएगी.
कुराई थाने के प्रभारी जी एस उईके का कहना है कि पुलिस ने घटनास्थल से 12 किलो मांस भी बरामद किया है जिसकी जाँच की जा रही है.
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