पठान': कश्मीर के किसी सिनेमा हॉल में 33 सालों बाद पहली बार लगा हाउसफ़ुल का बोर्ड


माजिद जहांगीर

बीबीसी हिंदी के लिए, श्रीनगर से

कश्मीर

शाहरुख़ ख़ान की बुधवार को रिलीज़ हुई फ़िल्म 'पठान' श्रीनगर में भी दिखाई जा रही है.

इस फ़िल्म को लेकर दर्शकों में वहां काफ़ी उत्साह देखा जा रहा है.

इसका नतीज़ा यह हुआ कि सिनेमा हॉल के बाहर 'हाउसफ़ुल' का बोर्ड टांगना पड़ा है. 1990 में कश्मीर घाटी के अशांत होने के बाद ऐसा पहली बार हुआ है.

विकास धर
Image caption: विकास धर

मंज़ूर राजा ने क़रीब 60 किलोमीटर का सफ़र तय कर के 'पठान' देखी है. इसे देखने के बाद बहुत ज़्यादा ख़ुश नज़र आए.

उन्होंने कहा, ''मैं दक्षिण कश्मीर से 60 किलोमीटर चलकर यह फ़िल्म देखने श्रीनगर आया. मैंने जितनी उम्मीद की थी यह फ़िल्म उससे कहीं ज़्यादा अच्छी लगी. शाहरुख़ ख़ान और सलमान ख़ान को एक साथ देखकर बहुत 'बिंदास' लगा. सलमान ख़ान की इंट्री ने दिल को ख़ुश कर दिया."

कश्मीर

उनका ये भी कहना था कि कश्मीर अब आगे बढ़ रहा है. मंज़ूर बताते हैं कि कश्मीर में सिनेमा हॉल बंद हो गए थे और अब इसे खुलता देख कर बहुत ख़ुशी होती है.

वे बताते हैं कि घर वालों की इजाज़त से वे यह फ़िल्म देखने आए थे और उन्हें ऐसा करने में कोई डर नहीं लगा.

वहीं श्रीनगर के रहने वाले ज़हूर अहमद ने कहा कि उन्हें यह फ़िल्म हर लिहाज़ से अच्छी लगी.

कश्मीर

अहमद कहते हैं कि पहले तो कोई भी फ़िल्म सिंगल स्क्रीन पर दिखाई जाती थी, लेकिन अब मल्टीप्लेक्स में फ़िल्में दिखाई जा रही हैं, जो अच्छी बात है.

 ज़रीना नसरीन लद्दाख़ से यह फ़िल्म देखने श्रीनगर आई थीं. वो पठान के इवनिंग शो का इंतज़ार अपने दोस्तों के साथ कर रही थीं.

उनका कहना है कि वे शाहरुख़ ख़ान की फ़ैन हैं और यह फ़िल्म देखने के लिए बहुत बेक़रार हैं.

कश्मीर

इस बारे में इस ​मल्टीप्लेक्स के मालिक विकास धर ने बताया कि जितना अच्छा कॉन्टेन्ट सामने आएगा, उतना ही ज़्यादा लोग यहां आएंगे.

उन्होंने बताया, ''तीन चीज़ें यहां ऐतिहासिक हो रही हैं. पहली यह कि शाहरुख़ ख़ान कश्मीर में पहली बार बड़े परदे पर देखे जा रहे हैं. दूसरी बात यह कि पहले दिन से ही हमारे सारे शोज़ हाउसफ़ुल हैं. और तीसरी बात ये कि 33 सालों बाद इतनी भीड़ फ़िल्म देखने सिनेमा हॉल आई है.''

कश्मीर

उनके अनुसार, ''लोग बहुत ख़ुश हैं. हम सभी सिनेमा हॉल में पठान ही दिखा रहे हैं. लोगों का कहना है कि कश्मीर में पठान की 'सुनामी' आई है, वो बिल्कुल सच्ची बात है."

कश्मीर में 90 के दशक से पहले दर्जनों सिनेमा हॉल थे, लेकिन चरमपंथ शुरू होने के बाद चरमपंथियों की धमकियों के बाद सभी सिनेमा हॉल बंद करने पड़े.

कश्मीर

उस वक़्त से 2022 तक कश्मीर में कोई भी सिनेमा हॉल काम नहीं कर रहा था, लेकिन पिछले साल श्रीनगर के शिवपुरा में आइनॉक्स का एक मल्टीप्लेक्स खोला गया.

https://www.bbc.com/hindi/live/india-64436461

Comments

Popular posts from this blog

#Modi G ! कब खुलेंगी आपकी आंखें ? CAA: एक हज़ार लोगों की थी अनुमति, आए एक लाख-अंतरराष्ट्रीय मीडिया

"बक्श देता है 'खुदा' उनको, ... ! जिनकी 'किस्मत' ख़राब होती है ... !! वो हरगिज नहीं 'बक्शे' जाते है, ... ! जिनकी 'नियत' खराब होती है... !!"