क्या इतने निम्नस्तर पर उतर कर बीजेपी हमसे राजनीतिक लड़ाई लड़ेंगी? @LaluYadav_Purv_CM_Bihar

 कुछ देर पहले लालू जी ने ट्वीट किया, "हमने आपातकाल का काला दौर भी देखा है।हमने वह लड़ाई भी लड़ी थी।आधारहीन प्रतिशोधात्मक मामलों में आज मेरी बेटियों,नन्हें-मुन्ने नातियों और गर्भवती पुत्रवधु को ED ने 15 घंटों से बैठा रखा है।क्या इतने निम्नस्तर पर उतर कर बीजेपी हमसे राजनीतिक लड़ाई लड़ेंगी?

भाजपा के विरुद्ध मेरी वैचारिक लड़ाई रही है और रहेगी।इनके समक्ष मैंने कभी भी घुटने नहीं टेके हैं और मेरे परिवार एवं पार्टी का कोई भी व्यक्ति आपकी राजनीति के समक्ष नतमस्तक नहीं होगा।" 


यह ग़ज़ब की अमानवीय और क्रूर राजनीति है कि जितने विरोधी हैं,उन्हें खत्म कर दिया जाए।जो भी आरोप थे वे लालू यादव के खिलाफ थे।उनके सारे केस कोर्ट में हैं।कुछ में सजा पा चुके हैं।अब उनके परिवार को क्यों प्रताड़ित किया जा रहा है?उनकी बेटियों और बहुओं पर कौन से आरोप हैं? उनके बेटों के ठिकानों पर छापेमारी का क्या मतलब है? लालू के लगभग सभी केस की जांच हो चुकी है, फैसले आ चुके हैं या आने वाले हैं,फिर ईडी अब क्या खोज रही है? 


बीमार और वृद्ध लालू से ऐसी क्या दुश्मनी है?दुश्मनी सिर्फ इतनी है कि लालू यादव ने बिहार में इनको पनपने नहीं दिया और तनकर खड़े रहे।लालू यादव सिर्फ अपनी राजनीति और अपने वसूलों की कीमत चुका रहे हैं। 


अगर इसी तरह सत्ता पक्ष के लोगों पर कार्रवाई हो जाए तो शायद कोई बचेगा जिसे जेल न जाना पड़े।पूरे देश के विपक्ष को मिटाने की यह कोशिश इस लोकतंत्र की कब्र खोद रही है।यह बहुत बुरा,बहुत क्रूरतापूर्ण और बहुत ही डरावना है।सरकार को क्या लगता है कि वह क्या अब इस देश से प्रतिरोध और विपक्षी आवाजें खत्म हो जाएंगी? क्या उन्हें यह मुगालता है कि वे हमेशा के लिए इस देश को गूंगा बना देंगे?यह उनका भ्रम है।धरती कभी वीरों से खाली नहीं होती।इस देश के लोग जेल और सजाओं से डरते तो इस देश का पहला प्रधानमंत्री दस साल जेल में न गुजारता,न इस देश के राष्ट्रपिता छह साल तक जेल काटते,न हमारे गौरवशाली अतीत में शहीदों की कतारें होती। 


हर जुल्म का अंत होता है और यह काम यही जनता करेगी जो आज खामोश होकर सब देख रही है।





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