मुस्लिम देशों ने भी UCC लगा दिया तो हिंदू क्या करेंगे...?

Meerut News Today Live: मुस्लिम देशों ने भी UCC लगा दिया तो हिंदू क्या करेंगे... नागरिक संहिता पर मोदी के बयान से गरमाई चर्चा

Edited by राघवेंद्र शुक्ला | Lipi | Updated: 30 Jun 2023, 10:04 am
Meerut News Today Live: मुस्लिम देशों ने भी UCC लगा दिया तो हिंदू क्या करेंगे... नागरिक संहिता पर मोदी के बयान से गरमाई चर्चा
Meerut News Today Live: मुस्लिम देशों ने भी UCC लगा दिया तो हिंदू क्या करेंगे... नागरिक संहिता पर मोदी के बयान से गरमाई चर्चा

Meerut News Today: कानून पर जनता एकमत नजर नहीं आ रही है। शहर काजी बोले कि देश में अलग-अलग धर्मों के लोग रहते हैं और देशहित में यूसीसी सही नहीं है। वहीं शहर के तमाम व्यापारियों का कहना है कि सभी देश में एक झंडा एक कानून है। फिर हमारे देश में दो कानून क्यों हैं।

रामबाबू मित्तल, मेरठः समान नागरिक संहिता (UCC) कानून पर जनता एकमत नहीं है। इस पर हर किसी के अलग-अलग विचार हैं। मेरठ के शहर काजी का मानना है कि ये कानून हमारे देश में नहीं लगाया जा सकता। वजह देश में अलग-अलग समुदाय और धर्मों के लोग हैं। सभी एक कानून के दायरे में आ जाएं तो मुश्किल होगी। वहीं शहर के व्यापारियों का कहना है कि देश धर्म से नहीं बल्कि संविधान से चलता है। जब देश का झंडा एक है, देश एक है, फिर कानून दो क्यों?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के UCC का जिक्र करते ही पूरे देश में इसे लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। बात मेरठ की करें तो मुस्लिम धर्म के शहर काजी जैनुस शजीदीन सिद्दकी ने कहा कि ये कानून देश में लागू नहीं हो सकता। देश में अगल-अलग धर्मों के लोग रहते हैं। उनके अलग-अलग रवायतें हैं। इस कारण ये कानून लागू नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि अभी तो हमारे पास कोई तैयारी भी नहीं है कि अगर सिविल कोड कानून बन गया तो वह कैसा होगा? अगर बात इस्लाम की करें तो मुस्लिम पर्सनल लॉ में कानून कुरान और हदीस से लिया गया है। उस पर अमल करना शरीयत के हिसाब से हमारे लिए जरूरी है। अगर उसमें कोई तब्दीली होगी तो हमारे लिए नामुमकिन होगी।

काजी ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि एक घर में दो कानून नहीं हो सकते। वह बहुत बड़े विद्वान हैं। वह जानते हैं कि एक घर में बाप भी रहता है, बेटा भी रहता है। बीबी भी रहती है और अन्य बच्चे भी रहते हैं। सभी के लिए घर में एक कानून लागू नहीं हो सकता। शहर काजी जैनुस शजीदीन सिद्दकी ने कहा कि अन्य देशों में भी भारत के लोग रहते हैं, जिनमे हिंदू भी हैं। अगर वहां भी एक देश-एक कानून हो तो हिंदू वहां कैसे रहेंगे? सब अपने धर्म के हिसाब से शादी करेंगे। अगर आपने अपने देश में सिविल कोड लागू कर दिया तो उसके बाद मुस्लिम देशों ने भी अपने देश में एक देश एक कानून की बात कहते हुए मुस्लिम कानून लागू कर दिया तो यहां के रहने वालों के साथ नाइंसाफी होगी। इसलिए ये कानून ठीक नहीं है।
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