NTA ने आखिर आधे अधूरे और गोल मटोल जवाब क्यों दिए ?

 एनटीए ने तीन बार नोटिस के बाद ईओयू को भेजा आधा-अधूरा जवाब 

 
एनटीए ने तीन बार नोटिस के बाद ईओयू को भेजा आधा-अधूरा जवाब
एनटीए ने तीन बार नोटिस के बाद ईओयू को भेजा आधा-अधूरा जवाब
परीक्षा पर प्रश्नचिह्न
अब तक 13 गिरफ्तार, 12 से पूछताछ

बिहार में नीट का प्रश्न-पत्र व्हाट्सएप पर वायरल होने और कुछ स्थानों पर छात्रों को इसके उत्तर परीक्षा शुरू होने के पहले मुहैया कराने की बात सामने आई थी। इसके बाद पटना के शास्त्रत्त्ीनगर थाना में एफआईआर दर्ज की गई थी। पहले पटना एसएसपी के नेतृत्व में मामले की जांच हुई। फिर 17 मई को इस मामले को ईओयू ने पूरी तरह से अपने हाथ में ले लिया। आरक्षी अधीक्षक के नेतृत्व में गठित एक एसआईटी इसकी जांच कर रही है। इस मामले में अब तक गिरफ्तार हुए 13 आरोपितों में 12 से पूछताछ हो चुकी है, जिनसे कुछ जानकारी ईओयू को मिली है।

● सेटरों ने चुनिंदा लोगों के बीच प्रश्नपत्र बांटे

● ईओयू ने एनटीए को फिर भेजे कई सवाल

ईओयू ने एनटीए से इन प्रश्नों के मांगे जवाब

ईओयू (आर्थिक अपराध इकाई) ने एनटीए से पूछा था कि प्रश्न-पत्र को किस प्रेस में छपवाया गया था? एक प्रेस में या अधिक में इसकी छपाई हुई थी? प्रेस से अलग-अलग राज्यों में इसके पहुंचाने की जिम्मेदारी किस कंपनी या एजेंसी को दी गई थी? इस पूरी प्रक्रिया के बारे में एनटीए के किस स्तर के कितने पदाधिकारियों को जानकारी थी? विशेष रूप से बिहार में प्रश्न-पत्र को लाने और इसके अलग-अलग स्थानों पर मौजूद परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाने की जवाबदेही किसे सौंपी गई थी?

पटना, हिन्दुस्तान ब्यूरो। राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नीट) के कथित पेपर लीक मामले की जांच बिहार में ईओयू (आर्थिक अपराध इकाई) कर रही है। ईओयू ने नीट आयोजित कराने वाली एजेंसी नेशनल टेस्टिंग काउंसिल (एनटीए) से इस मामले से जुड़े कई तथ्य मांगे थे। जांच एजेंसी के स्तर से तीन बार नोटिस जारी कर जानकारी मांगने के बाद बुधवार की रात एनटीए ने ई-मेल के जरिए अपना जवाब भेजा है। हालांकि यह भी आधा-अधूरा है। इसमें सिर्फ कुछ अभ्यर्थियों के नाम, रौल नंबर समेत इससे जुड़ी कुछ अन्य जानकारियां हैं। अब भी जांच एजेंसी को कई मूलभूत प्रश्नों के उत्तर नहीं प्राप्त हुए हैं, जिनकी मदद से जांच को निर्णायक दिशा प्रदान करते हुए प्रश्न-पत्र लीक होने के मूल स्रोत तक पहुंचा जा सके।

पूरे मामले की अब तक हुई जांच में यह बात सामने आई है कि बिहार से बाहर के किसी राज्य से नीट के प्रश्न-पत्र लीक होने के बाद यहां के सेटरों ने इसे अपने चुनिंदा लोगों के बीच इसका वितरण किया था। इसी दौरान यह प्रश्न-पत्र लीक हुआ और व्हाट्सएप पर वायरल हो गया। ईओयू को एनटीए के जवाब का इंतजार है। ईओयू को आशंका है कि प्रश्नपत्र लीक कराने वाले गैंग में यूपी, दिल्ली समेत दूसरे राज्यों के सेटर भी शामिल हैं। शिक्षक बहाली पेपर लीक में मास्टरमाइंड डॉ. शिव और उसके साथ शामिल 12 अन्य लोगों के नाम सामने आए थे। इसमें डॉ. शिव समेत आधा दर्जन लोगों की संलिप्तता नीट पेपर लीक में भी सामने आ रही है।

e paper Hindustan Patna 


14.06.24 से साभार 


नीट रद्द कर फिर से परीक्षा करवाए केंद्र अरुण


पटना। प्रदेश राजद प्रवक्ता अरुण कुमार यादव ने नीट को रद्द कर पुन परीक्षा आयोजित करवाने की मांग केंद्र सरकार से की है। गुरुवार को जारी बयान में उन्होंने आरोप लगाया कि 23 लाख से अधिक शामिल छात्र-छात्राओं के भविष्य की चिंता छोड़ कर केंद्र सरकार नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) को बचाने में जुटी हुई है। जो कि छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ क्रूर मजाक है।

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