बिहार में जमीन मालिकों को बड़ी राहत: 72 घंटे में यूं मिलेंगे खतियान से लेकर दाखिल-खारिज तक के कागज

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बिहार में जमीन मालिकों को बड़ी राहत: 72 घंटे में यूं मिलेंगे खतियान से लेकर दाखिल-खारिज तक के कागज

Bihar Jamin Survey: बिहार में अब जमीन के दस्तावेज ऑनलाइन मिलेंगे। 72 घंटे में दस्तावेज मिल जाएंगे। 25 तरह के दस्तावेज ऑनलाइन उपलब्ध होंगे। जमाबंदी, खतियान जैसे दस्तावेज शामिल हैं। दस्तावेजों की स्कैनिंग का काम तेजी से चल रहा है। 30 करोड़ से ज़्यादा राजस्व दस्तावेज हैं। आधे से ज़्यादा दस्तावेजों को स्कैन किया जा चुका है।

Curated Byसुधेंद्र प्रताप सिंह | नवभारतटाइम्स.कॉम 6 Nov 2024, 9:27 am

हाइलाइट्स

  • बिहार में अब 72 घंटे में ऑनलाइन मिलेंगे जमीन के दस्तावेज
  • जमाबंदी, खतियान जैसे 25 तरह के दस्तावेज ऑनलाइन उपलब्ध होंगे
  • बिहार में जमीन के दस्तावेजों की स्कैनिंग का काम तेजी से चल रहा
नवभारतटाइम्स.कॉमBihar Jamin Survey
बिहार सरकार ने जमीन के कागजों के लिए समय सीमा निर्धारित कर दी है।
पटना: बिहार में अब जमीन से जुड़े कागजात ऑनलाइन मांगने पर 72 घंटे में मिल जाएंगे। खास बात यह है कि ये कागजात सत्यापित होंगे। अभी 25 तरह के राजस्व दस्तावेजों की डिजिटल हस्ताक्षर वाली कॉपी किसानों को दी जाएगी। इनमें जमाबंदी पंजी, बंदोबस्त पंजी, दाखिल-खारिज, खतियान, बीटी एक्ट की धारा 103, 106 और 108 के तहत दिए गए आदेश, सीएस/आरएस/चकबंदी और नगरपालिका का नक्शा जैसे दस्तावेज शामिल हैं।

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने तय की समय सीमा

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने एक साल पहले ही जमीन के कागजात ऑनलाइन देने की सुविधा शुरू की थी। लेकिन इसमें समय बहुत लग रहा था। इसलिए विभाग ने अब समय सीमा तय कर दी है। यह समय सीमा 72 घंटे है। सात बड़े अधिकारियों, जो सहायक निदेशक या उप-निदेशक स्तर के हैं, को इन कागजातों को सत्यापित करने का काम सौंपा गया है। यह व्यवस्था जल्द ही पूरी तरह से काम करने लगेगी।

जैसे-जैसे जमीन से जुड़े और भी कागजातों की स्कैनिंग होगी, वैसे-वैसे ऑनलाइन मिलने वाले दस्तावेजों की संख्या भी बढ़ेगी। विभाग ने अभी लगभग 22 तरह के राजस्व दस्तावेजों की स्कैनिंग और डिजिटाइजेशन का काम पूरा कर लिया है। लगभग 4 और तरह के राजस्व दस्तावेजों की स्कैनिंग करने की योजना है।

बिहार में जमीन से जुड़े लगभग 30 करोड़ राजस्व दस्तावेज

बिहार में जमीन से जुड़े लगभग 28 से 30 करोड़ राजस्व दस्तावेज हैं। इनमें से आधे से ज़्यादा का डिजिटाइजेशन और स्कैनिंग हो चुकी है। ऐसी उम्मीद है कि अगले एक साल में सभी ज़रूरी राजस्व दस्तावेजों की स्कैनिंग और डिजिटाइजेशन का काम पूरा हो जाएगा। ये सभी दस्तावेज किसानों को ऑनलाइन उपलब्ध करा दिए जाएंगे।


लंबित आवेदनों का एक हफ्ते में निपटारा का आदेश

ऑनलाइन दस्तावेज उपलब्ध कराने की सुविधा के तहत बहुत सारे आवेदन लंबित हैं। इनका निपटारा एक हफ्ते में करने का आदेश दिया गया है। जमीन सर्वे की वजह से ऑनलाइन दस्तावेजों की कॉपी पाने के लिए बहुत से आवेदन आ रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में 60 हज़ार से भी ज़्यादा राजस्व दस्तावेजों और 27 हज़ार नक्शों की सत्यापित प्रति किसानों को दी जा चुकी है।
सुधेंद्र प्रताप सिंह
लेखक के बारे में
सुधेंद्र प्रताप सिंह
नवभारत टाइम्स डिजिटल में सीनियर डिजिटल कंटेंट प्रोड्यूसर। पत्रकारिता में लोकल न्यूज पेपर अग्रभारत से सफर की शुरुआत की। यहां से कारवां बढ़ता हुआ कल्पतरू एक्सप्रेस, हिंदुस्तान न्यूज पेपर, न्यूज18 होते हुए एनबीटी.कॉम में पहुंचा। लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सीखने की कोशिश। राजनीति, अपराध और पॉजिटिव खबरों में रुचि।... और पढ़ें
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