बिहार में अब 72 घंटे में मिलेगा आपको जमीन के कागजात

 

बिहार में अब 72 घंटे में मिलेगा आपको जमीन के कागजात, इस प्रक्रिया से आपका काम होगा आसान

Bihar Land Survey: बिहार सरकार ने भूमि कागजात की प्रक्रिया को और भी आसान बना दिया है. अब किसान और आम नागरिक ऑनलाइन आवेदन करके महज 72 घंटे में सत्यापित भूमि कागजात प्राप्त कर सकते हैं. इससे कागजात की उपलब्धता तेज होगी और सरकारी कामकाजी प्रक्रिया में सुधार होगा.

By Anshuman Parashar | March 20, 2025 1:16 PM
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Bihar Land Survey: बिहार में किसानों और आम जनता के लिए एक बड़ी राहत की खबर आई है. अब जमीन से जुड़े कागजात ऑनलाइन आवेदन करने पर महज 72 घंटों के भीतर उपलब्ध होंगे. खास बात यह है कि ये कागजात पूरी तरह से सत्यापित और डिजिटल हस्ताक्षरित होंगे, जिससे कागजात की वैधता पर कोई सवाल नहीं उठेगा.

राजस्व विभाग की 25 प्रकार के दस्तावेजों की सेवा

राजस्व विभाग ने इस नई सेवा के तहत 25 प्रकार के राजस्व दस्तावेजों की डिजिटल कॉपी उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है. इनमें जमाबंदी पंजी, बंदोबस्त पंजी, दाखिल-खारिज, खतियान, बीटी एक्ट की धारा 103, 106 और 108 के तहत दिए गए आदेश, सीएस/आरएस/चकबंदी, और नगरपालिका का नक्शा जैसी महत्वपूर्ण दस्तावेज शामिल हैं.

गांव का नक्शा भी मिलेगा 72 घंटे में

अब, किसी भी गांव का नक्शा प्राप्त करने के लिए आवेदनकर्ता को ऑनलाइन आवेदन करना होगा, और 72 घंटे के भीतर वह नक्शा उनके पास पहुंच जाएगा. इस कदम के तहत राजस्व और भूमि सुधार विभाग ने डोर स्टेप डिलीवरी सेवा की शुरुआत की है, जिससे लोगों को और अधिक सुगमता से इन सेवाओं का लाभ मिल सकेगा. पहले तकनीकी समस्याओं के कारण आवेदनकर्ताओं को नक्शा प्राप्त करने में कठिनाई हो रही थी, लेकिन अब विभाग ने इन समस्याओं का समाधान कर लिया है.

जान लें नक्शा लेने की प्रक्रिया

इसके अलावा, नक्शा प्राप्त करने के लिए डेढ़ सौ रुपए प्रति सीट शुल्क का भुगतान करना होता है. इसके अतिरिक्त, पोस्टर और पैकिंग चार्ज भी अलग से भरना होगा. आवेदनकर्ता को अपने गांव, क्षेत्र, खाता एवं खसरा, अंचल का नाम, राजस्व और थाना नंबर जैसे विवरण देना होगा.

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विभाग ने यह भी बताया कि समय-समय पर सजनी कार्यक्रम और अन्य सरकारी कार्यक्रमों में नक्शे की उपलब्धता होती है, जहां नगद भुगतान करने पर भी लोग नक्शा खरीद सकते हैं. इस नई प्रणाली से न केवल दस्तावेजों की उपलब्धता में तेजी आएगी, बल्कि बिहार के किसानों और आम जनता को भूमि संबंधित कार्यों में सुविधा भी मिलेगी.

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