किसान आंदोलन: किसानों की रणनीति से मोदी सरकार पसोपेश में
अरविंद छाबड़ा, ख़ुशहाल लाली चंडीगढ़ और दिल्ली से इमेज स्रोत, PANKAJ NANGIA/ANADOLU AGENCY VIA GETTY IMAGES केंद्र सरकार के साथ आठवें दौर की बातचीत से एक दिन पहले किसान अपना आंदोलन तेज़ करने की तैयारी करते दिखे. उनकी मांग है कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले. सरकार अब बाबा लखा सिंह को मध्यस्थ बनाने की कोशिश कर रही है लेकिन किसानों की रणनीति लगातार आंदोलन को धार देने वाली साबित हो रही है. ऐसे में मोदी सरकार नहीं समझ पा रही है कि अब क्या किया जाए. 26 जनवरी को किसान ट्रैक्टर परेड निकालने की तैयारी कर रहे हैं. इसमें महिलाएं भी ट्रैक्टर लेकर चलाएंगी. चार जनवरी को हुई पिछली बैठक में गतिरोध नहीं सुलझ पाया था. सरकार ने दोहराया कि वो क़ानूनों के संशोधनों पर विचार के लिए तैयार है, लेकिन किसान इस बात पर ज़ोर दे रहे हैं कि क़ानूनों को रद्द करने से कम कुछ भी स्वीकार नहीं होगा. पंजाब और हरियाणा में महीनों से कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ आंदोलन करने के बाद, इन दोनों राज्यों के हज़ारों किसान और कई अन्य लोग पिछले 40 दिनों से बढ़ती सर्दी के बावजूद दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं. विज्ञापन इमे...