#CoronaVirus (कोरोना वायरस): घरों में मेड और हेल्परों को लेकर छिड़ी बहस
गीता पांडेय बीबीसी न्यूज़ इस पोस्ट को शेयर करें Facebook इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp इस पोस्ट को शेयर करें Messenger साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट GETTY IMAGES भारत में लॉकडाउन दो हफ़्ते के लिए बढ़ा दिया गया है, लेकिन इस बार घरों में काम करने वाली मेड-हेल्परों को काम पर लौटने की इजाज़त दी गई है. इसके बाद लाखों मिडिल क्लास घरों में बहस शुरू हो गई है कि इन काम करने वालों को घर में आने दें या नहीं? एक दोस्त ने एक बार कहा था कि उसे अपने पति और घरेलू मेड में किसी एक को चुनना पड़े तो वह घरेलू मेड को चुनेगी. यह बात भले मज़ाक में कही गई थी लेकिन इससे यह ज़ाहिर होता है कि भारत के लोग अपने घरेलू हेल्परों पर कितने निर्भर हैं. आधिकारिक अनुमानों के मुताबिक़ भारत के मिडिल क्लास और संपन्न तबके के घरों में मामूली पैसों पर काम करने वाले हेल्परों की संख्या 40 लाख से अधिक है. अनाधिकारिक तौर पर यह संख्या पांच करोड़ के आसपास बताई जाती है. घरेलू काम धंधों में काम करने वाले लोगों में दो तिहाई महिलाएं हैं. घरेलू मेड और इन लोगों को काम मुहैया कराने वाले परिवार...