कोरोना वायरस के दौर में मुंबई पुलिस के किस आदेश पर बरपा है हंगामा?
मयूरेश कोण्णूर मुंबई से, बीबीसी मराठी संवाददाता इस पोस्ट को शेयर करें Facebook इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp इस पोस्ट को शेयर करें Messenger साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट GETTY IMAGES सोशल मीडिया पर कोविड-19 से जुड़ी भ्रामक जानकारी फैलाने को लेकर मुंबई पुलिस के नए आदेश पर महाराष्ट्र में सियासत तेज़ हो गई है. बीजेपी ने प्रदेश की शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी सरकार की आलोचना की है और कहा है कि कोरोना वायरस फैलने से रोकने में नाकाम रही प्रदेश सरकार अपनी आलोचना नहीं बर्दाश्त कर पा रही. इस आदेश को मीडिया और अभिव्यक्ति की आज़ादी के ख़िलाफ़ कदम भी कहा जा रहा है इधर, मुंबई पुलिस स्पष्ट किया है इसका उद्देश्य किसी को सरकार की आलोचना करने से रोकना नहीं है बल्कि भ्रामक जानकारियां फैलने से रोकना है. मुंबई पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी डीसीपी प्रणय अशोक ने मई 23 को एक आदेश जारी कर कहा था, "ये देखने में आया है कि व्हाट्सऐप, ट्विटर, फ़ेसबुक, टिकटॉक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिय प्लेटफॉर्म और इंटरनेट मैसेजिंग के ज़रिए भ्रामक जानकारी, ग़लत जानकारी, वीडियो और तस्वीर...