आम्बेडकर के पहले अख़बार 'मूकनायक' के सौ साल और दलित पत्रकारिता
सूरज येंगड़े लेखक और स्तंभकार 31 जनवरी 2020 इस पोस्ट को शेयर करें Facebook इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp इस पोस्ट को शेयर करें Messenger साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट GOVERNMENT OF MAHARASHTRA "अगर कोई इंसान, हिंदुस्तान के क़ुदरती तत्वों और मानव समाज को एक दर्शक के नज़रिए से फ़िल्म की तरह देखता है, तो ये मुल्क नाइंसाफ़ी की पनाहगाह के सिवा कुछ नहीं दिखेगा." डॉक्टर भीमराम आम्बेडकर ने 31 जनवरी 1920 को अपने अख़बार 'मूकनायक' के पहले संस्करण के लिए जो लेख लिखा था, ये उस का पहला वाक्य है. तब से बहुत कुछ बदल चुका है. लेकिन, बहुत कुछ जस का तस भी है. आम्बेडकर और मीडिया का रिश्ता साथ-साथ चलता दिखता है. उन्होंने कई मीडिया प्रकाशनों की शुरुआत की. उनका संपादन किया. सलाहकार के तौर पर काम किया और मालिक के तौर पर उनकी रखवाली की. विज्ञापन इस के अलावा, आम्बेडकर की बातों और गतिविधियों को उन के दौर का मीडिया प्रमुखता से प्रकाशित करता था. अगर हम उनकी पहुंच की और उनके द्वारा चलाए गए सामाजिक आंदोलनों की बात करें, तो डॉक्टर आम्बेडकर अप...