जेएनयू हिंसा: एक साल बाद भी इंसाफ़ पाने का इंतज़ार
कार्तिकेय बीबीसी के लिए इमेज स्रोत, ANI इमेज कैप्शन, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की आइशी घोष एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान, तस्वीर पिछले साल 11 जनवरी की है सूर्य प्रकाश जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में एक संस्कृत रिसर्च स्कॉलर हैं. 26 साल के सूर्य प्रकाश दृष्टिबाधित हैं. वो राष्ट्रीय स्तर के एथलीट और जूडो खिलाड़ी हैं और यूपीएससी की तैयारी भी कर रहे हैं. पाँच जनवरी, 2020 की शाम को सूर्य प्रकाश अपने लैपटॉप पर ईयरफ़ोन से सुनकर पढ़ाई कर रहे थे. तभी हॉस्टल में उनके कमरे के दरवाज़े के ऊपर बनी खिड़की का कांच टूटकर उनके सिर पर गिर गया. तुरंत बाद उन्होंने अपना दरवाज़ा (जिस पर भीमराव आंबेडकर की तस्वीर लगी थी) खुलने की आवाज़ सुनी और लड़की चिल्लाई, "अंधा है तो क्या हुआ? मारो!" सूर्य प्रकाश जेएनयू के उन कई स्टूडेंट्स, फ़ैकल्टी सदस्यों और स्टाफ़ में शामिल थे जो पत्थरों और लोहे की रॉड के साथ आई भीड़ के हमले में घायल हुए थे. इस भीड़ में कई लड़के और लड़कियों ने मास्क से अपना चेहरा ढका हुआ था. विज्ञापन ये लगा कि ये हमला विश्वविद्यालय में फ़ीस वृद्धि और नागरिकता संशोधन अधिनियम के ख़...