गजंफर अली, मुरादाबाद से, बीबीसी के लिए दिलनवाज़ पाशा, बीबीसी संवाददाता 15 दिसंबर 2020 इमेज स्रोत, GAJANFAR ALI इमेज कैप्शन, पिंकी उत्तर प्रदेश में शादी के लिए धर्म परिवर्तन करने को अपराध घोषित करने वाले क़ानून के तहत मुरादाबाद में की गई कार्रवाई चर्चा में है और इसे क़ानून के दुरुपयोग की मिसाल के तौर पर भी पेश किया जा रहा है. पिंकी नाम की एक युवती को यूपी पुलिस ने उसके पति से अलग करके नारी आश्रय केंद्र भेज दिया था. पिंकी पहली महिला हैं जिन्हें यूपी में अंतर-धार्मिक विवाह को रोकने के लिए लाए गए विवादित क़ानून के तहत पति से अलग किया गया था. पिंकी का आरोप है कि नारी आश्रय केंद्र में उन्हें प्रताड़ित किया गया और उन्हें एक इंजेक्शन दिया गया जिसकी वजह से उनका गर्भपात हो गया. विज्ञापन मुरादाबाद पुलिस ने अभी युवती का गर्भपात होने की पुष्टि नहीं की है. मुरादाबाद के एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने बीबीसी को बताया है कि युवती ने अदालत में दिए गए अपने बयान में अपनी मर्ज़ी से विवाह करने और ससुराल जाने की बात कही है. इसी के आधार पर उन्हें ससुराल वालों के सुपुर्द कर दिया गया है. छोड़कर और ये भी पढ़ें आग...