#PulwamaAttack: सीआरपीएफ़ के क़ाफ़िले पर हमले की जाँच कहां तक पहुंची?
जुगल पुरोहित बीबीसी संवाददाता इस पोस्ट को शेयर करें Facebook इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp इस पोस्ट को शेयर करें Messenger साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट GETTY IMAGES दक्षिणी कश्मीर का लडूमोड इलाक़ा 14 फ़रवरी 2019 की दोपहर 3 बजकर 10 मिनट से पहले तक बाक़ी कश्मीरी इलाक़ों की ही तरह था. लेकिन अगले ही मिनट हमेशा के लिए सबकुछ बदल गया. लडूमोड वो जगह बन गई जहां पर सीआरपीएफ़ के क़ाफ़िले की एक बस में आत्मघाती हमलावर मारूती सुज़ुकी ईको गाड़ी लेकर घुस गया और इससे हुए धमाके में 40 सीआरपीएफ़ के जवान मारे गए. सीआरपीएफ़ के लिए कश्मीर में ऐसा संघर्ष या उसके क़ाफ़िले पर हमला कोई नई बात नहीं थी. लेकिन भारत प्रशासित कश्मीर में तीन दशकों से चले आ रहे चरमपंथ में ऐसा पहले कभी नहीं देखा गया था. इमेज कॉपीरइट GETTY IMAGES सीआरपीएफ़ ने क्या किया? लेकिन इस घटना के बाद ये सवाल उठे कि ऐसी घटना फिर न हो उसके लिए क्या किया गया है. null और ये भी पढ़ें निर्भया गैंगरेप: विनय शर्मा की दया याचिका सुप्रीम कोर्ट में ख़ारिज पुलवामा कांड: जवानों के परिजन आज ...