~ताबिश बड़े न्यूज़ चैनल में बैठे मेरे मित्र आजकल बताते हैं कि उन पर किस तरह का दबाव है.. कई जो इसे झेल नहीं पा रहे हैं वो गुपचुप नौकरी छोड़े दे रहे हैं.. टॉप मैनेजमेंट से ये प्रेशर होता है कि रोज़ प्राइमटाइम में पाकिस्तान/इस्लाम से सम्बंधित डिबेट रखें.. मेरी बहन जो इन्हीं में से एक चैनल में है, बता रही थी कि किस तरह से राहुल, सोनिया, कांग्रेस या अन्य दलों की ख़बरों को चलने पर मनाही होती है.. जब तक बहुत ही ज़रूरी न हो, या फ़र्ज़ी प्रमाणिकता बनाये रखने का सवाल न हो, तब तक राहुल गाँधी या उन से रिलेटेड कुछ भी न दिखाया जाय.. ये पूरी तरह से इस प्लान के तहत हो रहा है कि “लोग जब देखेंगे या सुनेंगे ही नहीं तो भूल जायेंगे”.. ऐसे ही धीरे धीरे लोग हर नेता, विपक्ष को भूल जाएँ.. और बस एक शख्स को ही याद रखा जाय.. और वो हो रहा है चैनलों में काम करने वाले सच्चे लोगों के लिए ये बहुत बड़ी परीक्षा की घडी है.. उन्हें अपनी नौकरी भी बचानी है और जिंदा भी रहना है.. इसलिए उनकी अपनी मजबूरी हैं.. उन्हें माफ़ कर दीजिये.. क्यूंकि टॉप मैनेजमेंट से उनके ऊपर बहुत ही ज़्यादा प्रेशर है इस समय ये मैं इसलिए बता रहा हूँ क्यूंक...