इस पोस्ट को शेयर करें Facebook इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp इस पोस्ट को शेयर करें Messenger साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट GETTY IMAGES भारत प्रशासित कश्मीर में जमात-ए-इस्लामी प्रमुख हामिद फयाज़ और जेकेएलएफ के मुखिया यासीन मलिक समेत 200 से अधिक अलगाववादी नेताओं को पुलिसिया घेरे में लिए जाने के बाद से शनिवार को वहां दहशत का माहौल है. ये गिरफ़्तारियां 20 हज़ार से अधिक अर्धसैनिक बलों के आपात लैंडिग की ख़बरों के बीच की गईं. इमेज कॉपीरइट GETTY IMAGES Image caption फाइल तस्वीर 14 फ़रवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ़ के दस्ते पर हुए चरमपंथी हमले के बाद की जा रही जांच और भारतीय संविधान के तहत जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 35-ए पर सोमवार को होने वाली सुनवाई के मद्देनज़र उठाया गया क़दम माना जा रहा है. सोशल मीडिया संविधान के इस अनुच्छेद को ख़त्म किये जाने को लेकर अफ़वाहों से पट गया है, जो हिमालय की वादियों में बसे इस इलाक़े में बेचैनी का कारण बन रहा है. हालांकि, पुलिस ने इन्हें ग़लत बताते हुए अफ़वाहों पर ध्यान नहीं देने को कहा है और कहा