कोरोना लॉकडाउन: रामपुकार की तस्वीर ही नहीं, कहानी भी रुला देने वाली है
नीरज प्रियदर्शी पटना से, बीबीसी हिंदी के लिए इस पोस्ट को शेयर करें Facebook इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp इस पोस्ट को शेयर करें Messenger साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट NEERAJ PRIYADARSHY /BBC Image caption सलमा के साथ रामपुकार लॉकडाउन के कारण घर लौट रहे प्रवासी मज़दूरों की कई तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. उन्हीं में से एक वायरल तस्वीर बिहार के बेगूसराय के रहने वाले रामपुकार पंडित की भी है, जिसमें वो फ़ोन पर बात करते रोते हुए दिखाई देते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ रामपुकार बेटे की मौत की ख़बर सुनकर 11 मई को दिल्ली से पैदल ही बेगूसराय के अपने गांव तारा बरियारपुर के लिए निकल पड़े थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें वहीं यूपी गेट के पास दिल्ली-यूपी बोर्डर पर रोक दिया. यूपी पुलिस उन्हें पैदल जाने की इजाज़त नहीं दे रही थी और रामपुकार के पास इतने पैसे नहीं थे कि कोई प्राइवेट गाड़ी बुक करके घर जाएं. वो स्मार्टफ़ोन का इस्तेमाल भी नहीं करते थे कि रेल की ऑनलाइन टिकट बुक करा सकें या बिहार सरकार से मदद की गुहार के लिए ऑनलाइन रजि...