ज़रूरी नहीं भारत ट्रंप की बात मान ही ले'
इस पोस्ट को शेयर करें Facebook इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp इस पोस्ट को शेयर करें Messenger साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट GETTY IMAGES क्या अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप सिर्फ़ वही कहते हैं जो कोई उनके कानों में बोल देता है? सुनने में अजीब लगता है. मगर, भारत के राजनयिक हलक़ों और सामरिक विश्लेषकों के बीच इसी बात को लेकर बहस छिड़ी हुई है. ताज़ा मामला उस वक़्त का है जब रोमानिया के राष्ट्रपति के साथ ट्रंप व्हाइट हाउस में एक संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे. वहां मौजूद एक पत्रकार के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने एक बार फिर कश्मीर की स्थिति को 'विस्फोटक' और 'जटिल' की संज्ञा दी. उन्होंने इस दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करने की पेशकश भी की. अमरीकी राष्ट्रपति का ये बयान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान से फ़ोन पर बात करने के ठीक एक दिन बाद ही आया. इमेज कॉपीरइट EPA पत्रकार सम्मेलन में उन्होंने कहा, "कश्मीर एक जटिल समस्या है जहाँ हिंदू भी हैं और मुसलमान भी और मैं ये नहीं कहूंगा कि उन...