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भारत चीन सीमा विवाद : दलाई लामा के जन्मदिन का जश्न रोकने के लिए चीनी सैनिकों की घुसपैठ - प्रेस रिव्यू

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  BBC News , हिंदी सामग्री को स्किप करें सेक्शन होम पेज कोरोनावायरस भारत विदेश मनोरंजन खेल विज्ञान-टेक्नॉलॉजी सोशल वीडियो विज्ञापन इमेज स्रोत, ANI इमेज कैप्शन, पूर्वी लद्दाख के चुमार-डेमचोक इलाके में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास भारतीय सैनिक (फ़ाइल फ़ोटो) लद्दाख के डेमचोक में चीनी सैनिकों की घुसपैठ की ख़बर सामने आई है. अंग्रेज़ी अख़बार  टाइम्स ऑफ़ इंडिया  की रिपोर्ट के मुताबिक़ तिब्बती लोगों के धार्मिक नेता दलाई लामा का जन्मदिन भारतीय क्षेत्र के गांवों में मनाया जा रहा था और चीनी सैनिकों ने इसका विरोध करने के लिए लद्दाख के डेमचोक में घुसपैठ की. अख़बार लिखता है कि चीनी सैनिक सिंधु नदी पार कर भारतीय क्षेत्र में आए थे. उनके हाथों में बैनर और चीन के झंडे थे. वे पांच गाड़ियों में आए थे जिन पर आम चीनी लोगों के अलावा चीनी सैनिक भी थे. उन्होंने गांव के कम्युनिटी सेंटर के पास अपना विरोध प्रदर्शन किया जहां दलाई लामा का जन्मदिन मनाया जा रहा था. लद्दाख में ज़्यादातर बौद्ध लोग दलाई लामा के प्रति श्रद्धा रखते हैं और लेह के पास स्थित उनके महल को हमेशा तैयार रखा जाता है. टाइम्स ऑफ़...

भारत-चीन सीमा विवादः क्या ‘एलएसी’ बन गया है ‘एलओसी’?

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  सलमान रावी बीबीसी संवाददाता इमेज स्रोत, GETTY IMAGES भारत और चीन की सेना बीच पिछले साल गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद से एलएसी यानी लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल पर तनाव पसरा हुआ है. इस तनाव के चलते ही कुछ सामरिक विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को चीन से लगी अपनी सीमा के पास बड़े पैमाने पर आधारभूत संरचना बढ़ाने की दिशा में उतनी ही तेज़ी से काम करना चाहिए जितनी तेज़ी से चीन ने किया है. वैसे कुछ विशेषज्ञों का ये भी मानना है कि भारत से लगी सीमा पर चीन ने सब कुछ अचानक नहीं किया है, बल्कि बीते दो दशक के दौरान उसने वहां धीरे-धीरे आधारभूत ढांचे तैयार किए हैं. हाल ही में  ब्लूमबर्ग  में छपी एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत ने चीन से लगी सीमा पर सैनिकों की तादाद काफ़ी बढ़ा दी है. रिपोर्ट के मुताबिक़, "भारत ने चीन से लगी 'लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल' यानी 'एलएसी' पर पचास हज़ार अतिरिक्त सैनिकों को तैनात किया है.'' ब्लूमबर्ग ने उत्तर क्षेत्र के पूर्व लेफ़्टिनेंट जनरल डी एस हुडा के हवाले से कहा है कि दोनों तरफ़ से फ़ौजों की इतनी बड़ी तैनाती ही चिंताजनक है. उन्होंन...