बिहार: सीएए-एनआरसी पर बाल सुधार गृह में हुई चर्चा तो दर्ज हुआ राजद्रोह का मुक़दमा
नीरज प्रियदर्शी पटना से, बीबीसी हिंदी के लिए इमेज स्रोत, NEERAJ PRIYADARSHY "मेरा नाम रानी है. मैं सुबह चार बजे उठकर पढ़ती हूं और अपने दोस्तों को भी पढ़ने के लिए बोलती हूं. एनआरसी के विरोध में हूं, क्योंकि हमारे पास घर ही नहीं है तो डॉक्यूमेंट कहां रखेंगे?" पटना के दानापुर में स्थित कैन्ट मध्य विद्यालय में चल रहे बाल सुधार गृह की दसवीं की छात्रा राधा (बदला हुआ नाम) ने तीन फ़रवरी 2019 को अपने सुधार गृह के रजिस्टर में एक प्रशिक्षण शिविर के दौरान ये बातें लिखी थीं. रजिस्टर में यह भी लिखा था, "एनआरसी और सीएए के कारण लंबे अरसे से रह रहे नागरिकों को अपने भारत में रहने को प्रामाणित करना पड़ेगा. इसका सबसे ज़्यादा प्रभाव उन झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले ग़रीब लोगों पर पड़ रहा है, जिनकी झोपड़ी हर साल बाढ़ या किसी अन्य वजह से टूट जाती है. सरकार की तरफ़ से जो भी बिल पास होता है अगर वह यहां रहने वाले नागरिकों के हित में नहीं है तो हम सबको मिलकर उसका विरोध करना चाहिए और हमें ज़रूरी दस्तावेज़ों को संभालकर रखना चाहिए ताकि ज़रूरत पड़ने पर वह हमारे काम आ सकें." इमेज स्रोत, NEERAJ ...