CAA: बिहार बंद के दौरान ग़ायब आमिर की मौत के मामले में कई लोग गिरफ़्तार
नीरज प्रियदर्शी पटना से, बीबीसी हिंदी के लिए 3 जनवरी 2020 इस पोस्ट को शेयर करें Facebook इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp इस पोस्ट को शेयर करें Messenger साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट AMIR HANZLA FAMILY "आमिर रोज़ की तरह सुबह घर से तैयार होकर काम करने के लिए फ़ैक्ट्री गया था लेकिन उस दिन बिहार बंद की घोषणा थी और हर तरफ़ जुलूस निकाले जा रहे थे. फ़ैक्ट्री बंद थी. वह वापस लौट आया और उसी जुलूस में शामिल हो गया जिसमें मोहल्ले के लोग शामिल थे." "जुलूस के दौरान कि जो कुछ तस्वीरें और वीडियो मिलें हैं उसमें वह हाथ में तिरंगा थामे दिखता है. वो ही उसकी आख़िरी तस्वीर थी. उसके बाद मिली तो उसकी सड़ी हुई लाश, वो भी 11 दिनों के बाद." ये शब्द 18 साल के एक युवक आमिर हंज़ला के बड़े भाई साहिल के हैं जो फुलवारीशरीफ़ के हारुन नगर सेक्टर 3 में रहते हैं. साहिल के घर में मातम पसरा है. उनका कमाने वाला भाई हिंसा की भेंट चढ़ गया. उस हिंसा की जिससे उसका दूर-दूर तक का वास्ता नहीं था. साहिल आगे कहते हैं, "उसे क्या पता था कि CAA और NRC क्या होता है. बहुत...