कोराना वायरस: 'सरकार की नज़र में हमारी ज़िंदगी की क़ीमत महज़ 30 रुपये'
श्रीकांत बंगाले बीबीसी मराठी संवाददाता 8 अप्रैल 2020 इस पोस्ट को शेयर करें Facebook इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp इस पोस्ट को शेयर करें Messenger साझा कीजिए Image caption आशा कार्यकर्ता (सांकेतिक तस्वीर) भारत में कोरोनावायरस के मामले 5194 कुल मामले 402 जो स्वस्थ हुए 149 मौतें स्रोतः स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय 11: 20 IST को अपडेट किया गया कोरोना वायरस के ख़िलाफ़ लड़ाई में डॉक्टरों की ही तरह आशा कार्यकर्ताओं को भी पूरे देश में काम पर लगाया गया है. आशा कार्यकर्ता गांवों और शहरों में घर-घर जाकर परिवार के एक-एक सदस्य की स्वास्थ्य संबंधी जानकारी इकट्ठा करने में लगी हुई हैं. इस दौरान आशा कार्यकर्ता पर कर्नाटक और महाराष्ट्र में हमले भी हुए हैं. ऐसी रिपोर्ट भी आई है कि एक आशा कार्यकर्ता के हाथ पर होम क्वारंटीन की मुहर देखकर गांव से बाहर जाने को कहा गया. आशा कार्यकर्ता कोरोना संकट के इस दौर में किन परिस्थितियों में काम करने को मजबूर हैं, यहां ये जानने की हमने कोशिश की है. null और ये भी पढ...