ईरान के परमाणु संकट को 350 शब्दों में समझिए
इस पोस्ट को शेयर करें Facebook इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp इस पोस्ट को शेयर करें Messenger साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट AFP ईरान और पश्चिमी देशों के बीच परमाणु समझौता आख़िरकार ख़त्म हो गया है. चार साल पहले ये समझौता हुआ है. आइए जानते हैं कि परमाणु समझौता इस स्थिति में पहुँचा कैसे. परमाणु समझौता क्या है? ईरान ने हमेशा से इस बात पर ज़ोर दिया है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण है लेकिन संदेह ये था कि ये परमाणु बम विकसित करने का कार्यक्रम था. इसके बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, अमरीका और यूरोपीय संघ ने 2010 में ईरान पर पाबंदी लगा दी. वर्ष 2015 में ईरान का छह देशों के साथ एक समझौता हुआ. ये देश थे- अमरीका, ब्रिटेन, फ़्रांस, चीन, रूस और जर्मनी. इस समझौते के तहत ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रमों को सीमित किया, बदले में उसे पाबंदी से राहत मिली. समझौते के तहत ईरान को यूरेनियम संवर्धन कार्यक्रम रोकना पड़ा. ये रिएक्टर ईंधन बनाने के लिए इस्तेमाल होता है और इसका इस्तेमाल परमाणु हथियार बनाने में भी होता है. इमेज कॉपीरइट EPA ये समझौता कैसे टूटा? सबसे पहल