लॉकडाउन: गुरुग्राम से दरभंगा तक साइकिल से पिता को पहुंचाने वाली ज्योति
सीटू तिवारी पटना से बीबीसी हिंदी के लिए इस पोस्ट को शेयर करें Facebook इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp इस पोस्ट को शेयर करें Messenger साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट CHANDAN/BBC कोरोना के वक़्त मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शासन की विफलताएं जहां ख़बरों में है, वहां से छोटी सी ख़बर शायद उनके लिए मरहम साबित हो. साल 2006 में नीतीश कुमार ने 'मुख्यमंत्री साइकिल योजना' की शुरूआत की थी. आज साइकिल चलाने के उसी हुनर का इस्तेमाल करके 13 साल की ज्योति अपने पिता को गुरूग्राम से दरभंगा तक ले आई. कभी पैदल, कभी साइकिल और कभी ट्रक की सवारी करके पहुंचे इन बाप बेटी की कहानी, बीबीसी ने उन्हीं से जानी. पापा में थी हिचक, बेटी के हौसले ने पूरी कर दी यात्रा "खाने पीने को कोई पैसा नहीं रह गया था. रूम मालिक भी तीन बार बाहर निकालने की धमकी दे चुका था. वहां (गुरूग्राम) मरने से अच्छा था कि हम रास्ते में मरें. इसलिए हम पापा से कहें कि चलो साइकिल से. पापा नहीं मानते थे, लेकिन हम ज़बरदस्ती किए." 13 साल की ज्योति ने चहकते हुए मुझे ये फ़ोन पर बताया. वो इस वक़्त घर में सबकी...