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नताशा, देवांगना, आसिफ़ जेल से रिहा: अब तक क्या-क्या हुआ?

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  विशाल शुक्ला बीबीसी संवाददाता इमेज स्रोत, GETTY IMAGES इमेज कैप्शन, 17 जून को तिहाड़ जेल से रिहा होने के बाद नताशा नरवाल और देवांगना कलिता. नताशा और देवांगना जेएनयू की स्टूडेंट हैं. इनके साथ जामिया के स्टूडेंट इक़बाल आसिफ़ तन्हा को भी ज़मानत मिली है. इन्हें पिछले साल दिल्ली में हुए दंगे को लेकर गिरफ़्तार किया गया था. दिल्ली हाई कोर्ट से 15 जून को ज़मानत मिलने और फिर दो दिन खींचतान चलने के बाद आख़िरकार स्टूडेंट ऐक्टिविस्ट नताशा नरवाल, देवांगना कलिता और आसिफ़ इक़बाल तन्हा को जेल से रिहा कर दिया गया है. दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी रिहाई में आ रही अड़चनों की वजह से मामला कड़कड़डूमा की अदालत में पहुंचा था, जहां 17 जून को इन्हें तत्काल रिहा करने का आदेश दिया गया था. हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद रिहा नहीं किए जाने के पीछे पुलिस ने अभियुक्तों के घरों का वेरिफ़िकेशन न होने की बात कही थी. दिल्ली पुलिस ने इन स्टूडेंट ऐक्टिविस्ट की ज़मानत के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की है. विज्ञापन दिल्ली जेल के डायरेक्टर जनरल संदीप गोयल ने तीनों की रिहाई की पुष्टि की है. जेल के एक सीनि...

"देवबंद और उससे जुड़े सभी मदरसे बहुत पहले से गणतंत्र और स्वतंत्रता दिवस पर छुट्टी करते रहे हैं और वहां झंडा भी फहराया जाता है. हमारे रसूल मोहम्मद साहब का फ़रमान है कि जिस मुल्क़ में रहते हो उससे मोहब्बत करो. अगर कल सीमा पर ज़रूरत पड़ती है तो हम पहले होंगे जो वहां जाएंगे जान देने के लिए. और ये बेकार की बात है कि हम हुब्बुल वतनी (देशभक्ति) का सर्टिफ़िकेट मांगते फिरें."

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गणतंत्र दिवस पर क्या ख़ौफ़ में रहते हैं मदरसों के छात्र? मोहम्मद शाहिद बीबीसी संवाददाता इस पोस्ट को शेयर करें Facebook   इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp   इस पोस्ट को शेयर करें Messenger   इस पोस्ट को शेयर करें Twitter   साझा कीजिए स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) और गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) के मौके पर सोशल मीडिया में कुछ ऐसी तस्वीरें वायरल होने लगती हैं जिनमें कुर्ता-पायजामा पहने, सिर पर टोपी लगाए और हाथ में तिरंगा झंडा लिए युवा या बच्चा दिखाई देता है. आम तौर पर ये छवि एक मदरसे के छात्र की समझी जाती है. भारत में मदरसों को केवल इस्लामी शिक्षा की एक संस्था के रूप में देखा जाता है. हालांकि, कई मदरसों में हिंदी, अंग्रेज़ी, गणित और विज्ञान भी पढ़ाया जाता है. भारत में विभिन्न फ़िरकों (पंथ) के मदरसे हैं. इनमें सबसे बड़ा मदरसा उत्तर प्रदेश का दारुल उलूम देवबंद है. ADVERTISEMENT हाल में दारुल उलूम देवबंद ने अपने हॉस्टल के छात्रों से कहा था कि वे गणतंत्र दिवस की दो दिन की छुट्टियों में यात्रा करने से बचें. 'देश के सभी मदरसे बंद हों, नहीं तो म...