मोरारी बापू: क्या है सनातन धर्म बनाम स्वामीनारायण संप्रदाय का विवाद
दीपक चुडासमा बीबीसी गुजराती इस पोस्ट को शेयर करें Facebook इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp इस पोस्ट को शेयर करें Messenger साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट GETTY IMAGES गुजरात में अभी राजनीतिक विवाद के बजाय धार्मिक विवाद चल रहा है, जिसमें संतों से लेकर लेखक, कवि और कलाकार भी कूद पड़े हैं. ये नीलकंठ विवाद प्रसिद्ध राम कथाकार मोरारी बापू और स्वामीनारायण संप्रदाय के बीच चल रहा है. दरअसल इस विवाद की शुरुआत मोरारी बापू के एक बयान से शुरू हुई. मोरारी बापू ने राम कथा करते वक़्त मंच से कहा, "जहां नीलकंठ अभिषेक की बात आए तो कान खोलकर समझ लेना, शिव का ही अभिषेक होता है. कोई अपनी-अपनी शाखाओं में नीलकंठ का अभिषेक करे तो ये नकली नीलकंठ है. वह कैलाश वाला नहीं है. नीलकंठ कौन है, जिसने ज़हर पिया हो, वो है. जिसने लाडूडी (एक तरह का छोटा लड्डू) खाई है, वो नीलकंठ नहीं हो सकता." इस विवाद की शुरुआत मोरारी बापू के इसी बयान से हुई. स्वामीनारायण संप्रदाय में लाडूडी प्रसाद के रूप में दी जाती है. और स्वामीनारायण का एक नाम नीलकंठ भी है. null आपको ये भी रोचक लगेगा विस्...