कानपुर: 'भीम कथा' पर दलितों और सवर्णों के बीच हिंसा- ग्राउंड रिपोर्ट
समीरात्मज मिश्र कानपुर से, बीबीसी हिंदी के लिए इस पोस्ट को शेयर करें Facebook इस पोस्ट को शेयर करें WhatsApp इस पोस्ट को शेयर करें Messenger साझा कीजिए इमेज कॉपीरइट SAMIRATMAJ MISHRA Image caption पाँच दिन पहले दलितों और सवर्णों के बीच हुए संघर्ष में दलित समुदाय के 28 लोग बुरी तरह घायल हो गए. कानपुर के उर्सला अस्पताल के वॉर्ड संख्या एक में क़रीब बीस महिलाएं अलग-अलग बिस्तरों पर लेटी हैं. महिलाओं के हाथ-पैर में बँधे प्लास्टर, सिर पर बँधी पट्टी, पीठ और पैरों पर डंडों के निशान और रह-रहकर निकल रहीं उनकी सिसकियां बता रही हैं कि उनके साथ क्या हुआ है. महिलाओं के साथ उनके परिजन भी हैं. कुछ लोग उनका हाल-चाल लेने आए हैं, कुछ पत्रकार ख़बर के मक़सद से वहां डटे हैं तो कुछ लोग संवेदना जताने भी पहुंचे हैं. विज्ञापन ये सभी महिलाएं पड़ोसी ज़िले कानपुर देहात के मंगटा गाँव की हैं जहां चार दिन पहले दलितों और सवर्णों के बीच हुए संघर्ष में दलित समुदाय के 28 लोग बुरी तरह घायल हो गए. 20 महिलाओं और चार पुरुषों को कानपुर के उर्सला अस्पता...