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अफगानिस्तान का वो राष्ट्रपति जिसे तालिबान ने चौराहे पर टांग दिया था !

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निखिल thelallantopnikhil@gmail.com सितंबर 28, 2017 07:19 PM       12.41 K शेयर्स नजीबुल्लाह को संयुक्त राष्ट्र के कंपाउंड से निकाल कर तालिबान ने मार डाला था. ये सब खतम करो. मैं करने पर आया न, जडवाल को पूरा खोल के चौराहे पर लटका दूंगा. क्या समझा? नजीबुल्लाह को टांगा था न काबुल में, तू बस पैदा हुआ था तब. छोड़ दे इनको. – डुकी बना (गुलाल, 2009) नजीबुल्लाह. अफगानिस्तान का वो राष्ट्रपति जिसका हश्र का सुन कर जडवाल के गुर्गे रणसा और दिलीप को छोड़ देते हैं. 28 सितंबर, 1996 को नजीबुल्लाह को कभी उन्हीं की राजधानी रहे काबुल की आरियाना चौक में एक खंबे से टांग दिया गया था. लेकिन ये फांसी नहीं थी. जान उनकी जाने कब चली गई थी. टांगे जाने से पहले उन्हें एक ट्रक के पीछे बांध कर पूरे काबुल की सड़कों पर घसीटा गया था. उस से पहले सिर में एक गोली भी मारी गई थी. उन्हीं के बगल में उनके भाई शाहपुर अहमदज़ाई की लाश भी लटक रही थी. ‘गुलाल’ में डुकी बना ने जडवाल के गुर्गों को नजीबुल्लाह का हश्र याद दिला कर डराया था काबुल फतह कर अफगानिस्तान के शासक होने का दावा करने वाले...

उन लोगों के पास कोई हथियार नहीं थे' - BBC हिंदी

'उन लोगों के पास कोई हथियार नहीं थे' विनीत खरे बीबीसी संवाददाता साझा कीजिए Image copyrightS NIAZI भोपाल की सेंट्रल जेल से फ़रार सिमी के कथित कार्यकर्ताओं को सबसे पहले देखने का दावा करने वाले चश्मदीदों ने बीबीसी से बात कर के बताया कि उन्होंने उस दिन क्या देखा था. जेल से फ़रार होने के बाद पुलिस के साथ कथित मुठभेड़ में ये आठ कार्यकर्ता मारे गए थे. भोपाल के पास चांदपुर गांव के नरेश पाल और ज्ञान सिंह का दावा है कि उन्होंने दीवाली की अगली सुबह यानी सोमवार को इन 'सिमी कार्यकर्ताओं' को देखा था. भोपाल सेंट्रल जेल यहां से 10 किलोमीटर दूर है. Image copyrightS NIAZI पुलिस ने दावा किया था कि ये कार्यकर्ता जेल की दीवार फांद कर भागे और यहीं पर पास के ईंट खेड़ी गांव में पुलिस ने उनको मारने का दावा किया है. नरेशपाल खेती करते हैं. उन्होंने बताया, "सोमवार की सुबह नदी के पास कुछ लोग जाते दिखे. मुझे लगा ये लोग मछली पकड़ने आए हैं. मैंने काफी दूर से उन्हें देखा था. कुल पांच छह लोग थे. इसके बाद मैं जब घर गया तो वहां मैंने टीवी पर न्यूज में देखा और मुझे शक हुआ तो मैंने 100 नंब...

एनडीटीवी इंडिया पर लगाए गए बैन पर क्या है राय - BBC हिंदी

एनडीटीवी इंडिया पर लगाए गए बैन पर क्या है राय रजनीश कुमार बीबीसी संवाददाता, दिल्ली े साझा कीजिए Image copyrightNDTV TWITTER न्यूज़ चैनल एनडीटीवी इंडिया को 24 घंटे तक प्रसारण बंद करने का जो आदेश मिला है, उसे लेकर केंद्र सरकार की चौतरफा आलोचना हो रही है. सरकार के इस फ़ैसले से मीडिया विश्लेषक सेवंती नैनन हैरान हैं. उन्होंने बीबीसी हिंदी से कहा, "इस मामले में कई लोगों को कारण बताओ नोटिस दिया गया है. लेकिन ऐसा लग रहा है कि एनडीटीवी पर दबाव है. कुछ हफ्ते पहले ही चिंदबरम को भी सेंसर किया गया था." सेवंती ने कहा, "सरकार ने साफ़ कहा कि वह फ़ौज की आलोचना बर्दाश्त नहीं करेगी. अब यदि एनडीटीवी ने कुछ दिखाया है तो दूसरे चैनलों ने भी ऐसा ही कुछ किया होगा. लेकिन उन पर कोई एक्शन लिया गया या नहीं, इसकी अभी तक कोई जानकारी नहीं है." सूचना प्रसारण मंत्रालय के एक पैनल ने पठानकोट में चरमपंथी हमले को लेकर एनडीटीवी के कवरेज को राष्ट्रीय सुरक्षा पर संकट वाला बताते हुए 24 घंटे की पाबंदी लगा दी है. सरकार के इस फ़ैसले की एडिटर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया ने भी कड़ी निंदा की है. एडिटर्स गिल्...

यह है 56 इंच का सीना।.....?

Prabha Singh लद्दाख में चीनी सेना की टुकड़ी ने भारतीय सीमा में दाख़िल होकर नहर का निर्माण रोक दिया है,भारतीय प्रशासन नहर के निर्माण स्थल से वापस लौट आया। यह है 56 इंच का सीना। 9 hrs · Public 89 · Like · React · 12 Comments · Share · Full Story · Save · More https :// m.facebook.com / story.php ? story_fbid =733943243423298& id =100004228862116& bacr =1478265429%3A1478265429%3A3%3A2362326790602395520%3A1478264400%3A6349101672854645314& refid =7&_ft_= qid .6349101672854645314%3Amf_story_key.-7457173362936119003# footer_action_list