इमरान ख़ान ने कहा कि वो देश में कक्षा नौ से बारह तक के छात्रों के पाठ्यक्रम में इस्लाम के पैग़ंबरों के बारे में जानकारी शामिल करने के लिए क़ानून लाएंगे, ताकि छात्रों को भी इस्लाम के बारे में जानकारी मिले. इसी कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान प्राशासित कश्मीर के प्रधानमंत्री रज़ा फ़ारुक़ हैदर भी मौजूद थे. उन्होंने प्रदेश में सभी प्रकार के फ़्रांसीसी सामान के बहिष्कार की अपील की.
इस्लाम, मुसलमान और पैग़ंबर को नहीं समझ सकते पश्चिमी देश: इमरान ख़ान 30 अक्टूबर 2020 अपडेटेड 8 घंटे पहले इमेज स्रोत, REUTERS/LIM HUEY TENG पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने कहा है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की एक सीमा होती है और इसका अर्थ ये कतई नहीं कि दूसरों की भावनाओं को चोट पहुंचाई जाए. इमरान ख़ान ने कहा, "इस्लाम को मानने वालों में पैग़ंबर मोहम्मद को लेकर जो भावनाएं हैं उसके बारे में पश्चिमी देशों के लोगों को कोई जानकारी नहीं है." उन्होंने इसे मुसलमान बहुल देशों के नेताओं की नाकामी बताया और कहा कि ये उनकी ज़िम्मेदारी है कि वो दुनिया भर में इस्लाम के विरोध (इस्लामोफ़ोबिया) के मुद्दे पर चर्चा करें. उन्होंने कहा कि ज़रूरत पड़ने पर वो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस मुद्दे को उठाएंगे. विज्ञापन इमरान ख़ान शुक्रवार को इस्लामाबाद में ईद-उल-मिलाद के मौक़े पर आयोजित एक कॉन्फ्रेस में बोल रहे थे. छोड़कर और ये भी पढ़ें आगे बढ़ें और ये भी पढ़ें मैक्रों को भारत का समर्थन, तुर्की अर्दोआन पर शार्ली एब्दो के कार्टून से है ग़ुस्से में बांग्लादेश में पैग़ंबर मोहम्मद के कार्टून और फ़्रांस क...