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नेपाल अपनी अयोध्यापुरी में बनाएगा राम मंदिर, ओली सरकार ने बजट में दिया पैसा
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Sonu Mehta/Hindustan Times via Getty Images Copyright: Sonu Mehta/Hindustan Times via Getty Images नेपाल में जारी राजनीतिक अस्थिरता के बीच ओली सरकार ने 1647.67 अरब रुपये का बजट अध्यादेश के रूप में पेश किया है. इस बजट में केपी ओली की सरकार ने काठमांडू स्थित पशुपतिनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए 35 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. पशुपतिनाथ मंदिर यूनेस्को की धरोहर सूची में शामिल जगहों में से एक है. साथ ही चितवन ज़िले की अयोध्यापुरी में राम मंदिर के निर्माण के लिए भी आवंटन की राशि तय की गई है. हालांकि इस रकम को अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है. वित्त मंत्री बिष्णु पौडेल ने देश में पर्यटन को बढावा देने के लिए सैलानियों से लिए जाने वाले वीज़ा शुल्क में एक महीने के लिए राहत दी है. कोरोना महामारी के कारण नेपाल के पर्यटन उद्योग को बहुत नुकसान हुआ है. देश में चार अंतरराष्ट्रीय और अन्य घरेलू हवाई अड्डों के लिए बुनियादी ढांचा निर्माण के मद में 20 अरब रुपये की रकम तय की गई है. घरेलू राजनीति के मोर्चे पर जूझ रहे प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने पिछले साल जुलाई में एक विवादास्पद बयान देकर ये दावा ...
Birth & Death Certificate se sambandhit Bihar sarkar ki Mahatvapurn Jankari
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सेंट्रल विस्टा: क्या पीएम मोदी के लिए नए घर की वाकई ज़रूरत है?
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दिल्ली का राजपथ कई मायनों में ख़ास है. इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक जाने वाली इस सड़क के दोनों तरफ़ गार्डन हैं जहां हज़ारों लोग ठंड में धूप सेंकने या गर्मियों की शामों में आइसक्रीम खाने आया करते हैं. लेकिन तीन किलोमीटर लंबी इस सड़क के चारों ओर अब धूल का अंबार लगा हुआ है. ज़मीन से निकाली गई मिट्टी, गड्ढे और लोगों को अंदर आने से मना करते साइन बोर्ड हर तरफ़ दिख जाएंगे. साथ ही सीवेज की पाइप और फ़ुटपाथ की मरम्मत करते पीली वर्दी पहने मज़दूर. ये सब सरकार की सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत हो रहा है. इस प्रोजेक्ट के तहत नया संसद भवन, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के लिए नए घर और कई ऑफ़िस बनाए जा रहे हैं. पूरे प्रोजेक्ट की क़ीमत क़रीब बीस हज़ार करोड़ रुपये बताई जा रही है. स्टोरी: गीता पांडे आवाज़: विशाल शुक्ला वीडियो एडिटिंग: देबलिन रॉय (बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक , ट्विटर , इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)
इसराइल-फलस्तीनियों की जंग पर संयुक्त राष्ट्र करेगा जांच, भारत किसके साथ?
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संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष मानवाधिकार संस्था ग़ज़ा में इसराइल और चरमपंथी संगठन हमास के बीच 11 दिनों तक चले हिंसक संघर्ष की जाँच 'युद्ध अपराध' के तौर पर करेगी. यूएनएचआरसी यानी संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में यह प्रस्ताव 24-9 वोट से पास हुआ. 14 देश मतदान से बाहर रहे. मतदान न करने वालों में भारत भी शामिल है. गुरुवार को यूएनएचआरसी का फ़लस्तीनियों के अधिकारों को लेकर ख़ास सत्र बुलाया गया था. इस सत्र में ऑर्गेनाइज़ेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन के सदस्य देश एकजुट रहे. ओआईसी फ़लस्तीनियों के पक्ष में खुलकर खड़ा था. स्टोरीः टीम बीबीसी आवाज़ः नवीन नेगी वीडियो एडिटः दीपक जसरोटिया (बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक , ट्विटर , इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)