इमेज स्रोत, SCIENCE PHOTO LIBRARY इमेज कैप्शन, सांकेतिक तस्वीर केंद्र सरकार की नज़र में ब्रेस्ट कैंसर 'राष्ट्रीय' या 'अति' आवश्यक या बेहद ज़रूरी मामला नहीं है. 'द हिंदू' ने इस संबंध में छापी गई खब़र में लिखा है कि सरकार के आकलन के मुताबिक महिलाओं में कैंसर के सबसे ज्यादा मामले ब्रेस्ट कैंसर के हैं लेकिन उसकी नज़र में ये 'राष्ट्रीय' या 'अति' आवश्यक मामला नहीं है. अख़बार ने इस बारे में केरल हाई कोर्ट में चल रहे एक मामले का हवाला दिया है. केरल हाई कोर्ट में चल रहे एक मुकदमे में एक मरीज़ (अब दिवंगत) सरोजा राधाकृष्णन ने कहा था कि वो एक किस्म के ब्रेस्ट कैंसर 'ल्यूमिनल ए' से पीड़ित हैं. यह कैंसर सबसे ज्यादा आक्रामक है और ज्यादातर ब्रेस्ट कैंसर के मामले इसी के होते हैं. विज्ञापन इस साल जनवरी में उन्होंने अपनी याचिका में कहा था कि उनके इलाज के लिए रिबोसिक्लिब दवा की सिफारिश की गई थी. लेकिन ये काफी मंहगी है क्योंकि इस पर पेटेंट है और भारत की जेनेरिक दवा निर्माता कंपनियां इसे नहीं बना सकतीं. ये दवा बहुराष्ट्रीय दवा कंपनी नोवार्टिस बनाती है. छोड़कर...